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गतांक - 7 से आगे

आखरी पन्ने -8
(दीपक शर्मा 'कुल्लुवी')

गीत ग़ज़लों,कवितओं के साथ साथ हमें धर्मिक बातों को नहीं भुलाना चाहिए इसीलिए आज पेश कर रहाहूँ अपना ताज़ा लिखा खाटू श्याम भजन

नाम है मेरा 'दीपक कुल्लुवी'घर मेरा दूर पहाड़
तैन्नूं सौंह मेरे प्यार दी श्यामा तू आ जा बस इक बार
----
नाम  हमारा  ' दीपकुमुद ' है  घर   है  दूर  पहाड़
तुझको कसम है प्यार की श्यामा आजा बस इक बार

----------------------------------------------

श्याम तू सब भक्तों की तकदीरें लिखता है
बिन मांगे ही भक्तों के दुःख,गम हरता है
फूलों का श्रृंगार है तेरा तेरी शान निराली
बाबा तेरे दरवार से कोई न जाता ख़ाली

------------------------------------------
खाटू श्याम भजन

सारी फिजाओं में

फूलों की फैली खुशबू सर्द हवाओं में
महिमा तिहारी गूंजे सारी फिजाओं में
चरणों से हमको लगाए रखना
---सांवरे--ए-सांवरे-2
(1 ) मोर छड़ी,नीला घोडा सवारी
खाटू नरेश तेरी शान निराली
फूलों का,अति सुन्दर,श्रृंगार तेरा
प्यार झलकता है तेरी निगाहों में
महिमा तिहारी गूंजे सारी फिजाओं में
चरणों से हमको लगाए रखना
सांवरे--ए-सांवरे -२
(2 ) हारों को दिया तूने सहारा
उसका ही हो लिया जिसने पुकारा
करना कृपा,रहम नज़र रखना तू सदा
जीवन कट जाए तेरी ही छाओं में
महिमा तिहारी गूंजे सारी फिजाओं में
चरणों से हमको लगाए रखना
सांवरे--ए-सांवरे -२
(3 )'दीपकुमुद' को तूनें सब कुछ दिया है
बदले में श्यामा तूनें कुछ न लिया है
करना कृपा,करते रहें गुणगान तेरा
कांटे हटाते रहना श्यामा तू राहों के
महिमा तिहारी गूंजे सारी फिजाओं में
चरणों से हमको लगाए रखना
सांवरे--ए-सांवरे-२
(4 ) शीश के दानी तेरा त्याग अनोखा
प्रेम खज़ाना दुनियां को परोसा
कुछ न लिया कुछ न माँगा प्यार किया
हमको बचाए रखना सारे गुनाहों से
महिमा तिहारी गूंजे सारी फिजाओं में
चरणों से हमको लगाए रखना
सांवरे--ए-सांवरे -2

दीपक शर्मा कुल्लुवी
09136211486

फ़िल्मी गीत : ले तो आए हो हमें सपनों के गाँव में की धुन पर आधारित भजन
शेष अगले-8 अंक में

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on December 19, 2010 at 11:46am

दीपक साहब, इस खुबसूरत पैरोडी भजन हेतु धन्यवाद |

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