For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पावन पर्व
पवित्र धागे संग
प्रेम से भरा

भाई बहन
बाटें प्यार ही प्यार
रक्षाबंधन

रेशमी डोर
भाई की कलाई में
गुँथा है प्यार

कच्चे धागों में
झोली भर खुशियाँ
नेह बौछार

पवित्र रिश्ता
पावन गंगा जल
कभी न टूटे

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 625

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on August 24, 2013 at 1:29pm

प्रिय राम शिरोमणि जी 

सुन्दर हायकू प्रस्तुति 

बधाई 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:07pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  ब्रिजेश  जी, अमूल्य सुझाव के लिए बहुत बहुत आभारी हूँ //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:07pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  अभिनव अरुण जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:06pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  जीतेन्द्र   जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:06pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  सुरेन्द्र   जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:06pm

हार्दिक  आभार आदरणीय  केवल  जी //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on August 22, 2013 at 9:05pm

हार्दिक  आभार आदरणीया विनीता जी //सादर 

Comment by बृजेश नीरज on August 21, 2013 at 8:36am

आदरणीय राम भाई रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं! बहुत ही सुन्दर हाइकु! आपको हार्दिक बधाई!

हाइकु में प्रत्येक पंक्ति अपने अर्थ में स्वतंत्र होती है। कृपया तीसरा हाइकु देखें। यहां दूसरी पंक्ति अपने अर्थ के लिए तीसरी पंक्ति पर निर्भर है। ऐसा ही अगले हाइकु में भी है।

//कच्चे धागों में
झोली भर खुशियाँ
नेह बौछार//

इसको ऐसा लिखें तो कैसा रहेगा?

‘ये कच्चे धागे’……. या ऐसा ही और कुछ

सादर!

 

Comment by Abhinav Arun on August 21, 2013 at 6:59am

श्री राम शिरोमणि जी पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई और सशक्त रचना के लिए हार्दिक साधुवाद 

!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 21, 2013 at 4:05am

भाई बहन के पावन पर्व पर ,सुंदर रचना प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई राम भाईजी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service