नारी सबला जानिए ,देकर अनुपम प्यार
नारी से नर उपजिया ,मानस पटल सुधार |
मानस पटल सुधार , जान नारी जस माता
जैसे करता करम ,फल वैसा तभी पाता |
नारी माँगे मान,जान ना उसको अबला
देकर अनुपम प्यार,जान लो नारी सबला ||
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मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आ0 सरिता जी, सादर प्रणाम! वाह!... नारी का सशक्त और जाग्रत रूप का सुन्दर वर्णन... सुन्दर प्रस्तुति। हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर,
आदरणीया सरिता भाटिया जी , आभार कुन्डलियों के लिये !
आदरणीया विजय श्री जी एवं कल्पना रमानी जी ,आदरणीय लक्ष्मण जी एवं रविकर जी , अरुण तह दिल से शुक्रिया
अच्छी कुण्डलिया छंद-
आभार आदरेया-
आदरणीया सरिता जी धीरे धीरे आप लेखनी को मजबूत कर रही हैं काफी सुधार भी है प्रयासरत रहिये, एक गुजारिश है लिखने के बाद कम से कम तीन चार बार स्वयं सस्वर पढके जांच लें बहुत कुछ स्पष्ट हो जायेगा. इस प्रयास पर ढेरों बधाई स्वीकारें.
sundar prayaas ke liye badhaai swikaare
बहुत सुंदर भाव पूर्ण रचना है सरिता जी, लेकिन पूरी तरह परिमार्जन चाहती है। आप और तुम दोनों तरह का प्रयोग है।कहीं-कहीं लय भी बाधित हो रही है।सुंदर प्रयास के लिए हार्दिक बधाई
सुंदर प्रयास सरिताजी
सभी दोस्तों का हार्दिक अभिनन्दन जिन्होंने मेरे लिए इतना समय निकाला ,राजेश दी आपकी बातों पर गौर कर रही हूँ
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