For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल : ध्यान रहे सबसे अच्छा अभिनेता है बाजार

बह्र : मुस्तफ़्फैलुन मुस्तफ़्फैलुन मुस्तफ़्फैलुन फा

------------

छोटे छोटे घर जब हमसे लेता है बाजार

बनता बड़े मकानों का विक्रेता है बाजार

 

इसका रोना इसका गाना सब कुछ नकली है

ध्यान रहे सबसे अच्छा अभिनेता है बाजार

 

मुर्गी को देता कुछ दाने जिनके बदले में

सारे के सारे अंडे ले लेता है बाजार

 

कैसे भी हो इसको सिर्फ़ लाभ से मतलब है

जिसको चुनते पूँजीपति वो नेता है बाजार

 

खून पसीने से अर्जित पैसो के बदले में

सुविधाओं का जहर हमें दे देता है बाजार

----------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:06pm

बहुत बहुत शुक्रिया Abhinav Arun जी, स्नेह लगातार बना रहे।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:06pm

बहुत बहुत शुक्रिया वीनस केसरी जी, इस कदर भी हौसला अफ़जाई न कीजिए कि गुरूर हो जाय :))))। स्नेह बना रहे। और हाँ आपकी बात नोट कर ली गई है अध्येता पर शे’र कहने की कोशिश जारी है।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:04pm

बहुत बहुत धन्यवाद vijayashree जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:03pm

बहुत बहुत शुक्रिया  Dr Ashutosh Mishra जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:02pm

बहुत बहुत धन्यवाद जितेन्द्र 'गीत' जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:02pm

बहुत बहुत शुक्रिया Shyam Narain Verma जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 5, 2013 at 7:02pm

बहुत बहुत धन्यवाद गिरिराज भंडारी जी

Comment by Abhinav Arun on September 2, 2013 at 7:24am

बाज़ार व्यवस्था में सब कुछ तिरोहित हो रहा है ..सभ्यता ..इंसानियत ..रिश्ते ... नाते सबकुछ ...करार प्रहार करती ग़ज़ल ..आ .धर्मेन्द्र जी --

मुर्गी को देता कुछ दाने जिनके बदले में

सारे के सारे अंडे ले लेता है बाजार

 बहुत कुछ कहती और सोचने को विवश करती ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत साधुवाद !!

Comment by वीनस केसरी on September 2, 2013 at 4:12am

धर्मेन्द्र भाई
मोबाईल में ओबीओ के मुखपृष्ठ पर इस पोस्ट का शीर्षक देख कर ही मैं ९९ % स्पष्ट था कि यह आपकी ग़ज़ल है

आपने अपनी ग़ज़लों के लिए एक अलग कहन विकसित कर ली है जो बहुत अच्छी बात है
आपकी ग़ज़लों में जो चमक है, जो नयापन है इसे अपना पाना ही किसी शाइर के स्थापित होने की निशानी है

जब किसी एक मिसरे से ही शाइर की पहचान स्पष्ट हो जाए तो इससे बड़ी बात और कोई नहीं हो सकती है
इस ग़ज़ल और आपकी लेखनी को सलाम

"अध्येता" काफ़िया पर भी शेर होना चाहिए :)))))))))))

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 1, 2013 at 11:49am

वर्तमान परिस्थिति का सुन्दर वर्णन आदरणीय शानदार ग़ज़ल लाजवाब अशआर ढेरों बधाई स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार अच्छी घनाक्षरी रची है. गेयता के लिए अभी और…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करती सुन्दर प्रस्तुतियाँ हैं…"
8 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   दिखती  न  थाह  कहीं, राह  कहीं  और  कोई,…"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी,  रचना की प्रशंसा  के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार|"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी,  घनाक्षरी के विधान  एवं चित्र के अनुरूप हैं चारों पंक्तियाँ| …"
9 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी //नदियों का भिन्न रंग, बहने का भिन्न ढंग, एक शांत एक तेज, दोनों में खो…"
10 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मैं प्रथम तू बाद में,वाद और विवाद में,क्या धरा कुछ  सोचिए,मीन मेख भाव में धार जल की शांत है,या…"
11 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्रोक्त भाव सहित मनहरण घनाक्षरी छंद प्रिय की मनुहार थी, धरा ने श्रृंगार किया, उतरा मधुमास जो,…"
19 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++ कुंभ उनको जाना है, पुन्य जिनको पाना है, लाखों पहुँचे प्रयाग,…"
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक , पोस्ट कुछ देर बाद  स्वतः  डिलीट क्यों हो रहा है |"
22 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . जीत - हार

दोहा सप्तक. . . जीत -हार माना जीवन को नहीं, अच्छी लगती हार । संग जीत के हार से, जीवन का शृंगार…See More
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 164 in the group चित्र से काव्य तक
"आयोजन में आपका हार्दिक स्वागत है "
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service