For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! मां शारदे !!! //हरिगीतिका छन्द//

तुम दिव्य देवी बृहम तनुजा हृदय करूणा धारिणी।
संगीत वीणा ताल सरगम धर्म बृहमा चारिणी।।
कर कमल धारण हंस वाहन ज्ञान पुस्तक वाचिनी।
अति मधुर कोमल दया समता प्रेम रसता रागिनी।।1

कल्याणकारी सत्यधारी श्वेत वसनं शोभनं।
संसार सारं कंज रूपं वेद ज्ञानं बोधनं।।
मन प्रीत प्यारी रीति न्यारी प्रकृति सारी धारती।
सब देव-दानव जीव-मानव शरण आते तारती।।2

उध्दार करती द्वेष हरती पाप-संकट काटती।
तुम तेज रूपं शक्ति स्रोतं देव भावं भारती।।
मां लक्ष्य मेरी शरण तेरी दीन सेवक पाप सा।
तुम कोष विद्या आदि-आद्या ज्ञान देती जाप सा।।3

सत सार सरला गर्व कमला शक्ति देवी दुर्गमा।
अति जार जारा कर्महारा मोक्ष दाती स्वर्ग मा।।
जय रूप देवी जयति देवी मान देही गर्व मां।
हे काल काली धर्म धारीं पाप-पापी गर्त मा।।4

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

Views: 715

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:29pm

आ0 अन्नपूर्णा जी,  सादर प्रणाम!    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:28pm

आ0 विजय सर जी,  सादर प्रणाम!  मैने जिस मनोयोग से लिखा आपने उससे कहीं अधिक तल्लीनता और ध्यान योग से पढ़ा है।  आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:24pm

आ0 अखिलेश भाई जी,  राधे! राधे!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by mrs manjari pandey on September 3, 2013 at 9:21pm

        आदरणीय केवल प्रसाद जी मा शारदे की अनुपम कृपा से मनोहर छन्द रच गये.  बहुत बहुत बधाईयां  !

Comment by annapurna bajpai on September 3, 2013 at 3:50pm

आ० केवल भाई जी बड़ी ही मनोहर हरिगीतिका छंद मे माँ शरदे की वंदना है , बहुत बधाई स्वीकारें । 

Comment by विजय मिश्र on September 3, 2013 at 12:28pm
बहुत प्रेम से लिखी है आपने इस वंदना को , रचना के समय भी आप वंदन भाव में पूर्णतः डूबे थे ,स्पष्ट है . जय माता सरस्वती , आभार केवल भाई .
Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 3, 2013 at 10:40am

 केवल भाई - सप्रेम राधे-राधे ॥ मां शारदा की सुंदर वंदना हेतु हार्दिक बधाई, वरना नायिकाओं की वंदना से ही लोगों को फुर्सत कहां॥

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 8:04am

आ0 राजनवादवी जी,  सादर प्रणाम!  मां शारदे की वंदना को आपने पसन्द किया।  आपका हार्दिक आभार,  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 8:02am

आ0 शुभ्रा जी,  सादर प्रणाम!  मां शारदे की वंदना पर आपका स्नेह और उत्साहवर्धन पा कर अतिप्रसन्नता मिली।  आपका हार्दिक आभार,  सादर,

Comment by shubhra sharma on September 2, 2013 at 11:27pm

जय माता रानी की ..............बहुत सुंदर रचना हेतु बधाई आदरणीय केवल जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द लोकतंत्र के रक्षक हम ही, देते हरदम वोट नेता ससुर की इक उधेड़बुन, कब हो लूट खसोट हम ना…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण भाईजी, आपने प्रदत्त चित्र के मर्म को समझा और तदनुरूप आपने भाव को शाब्दिक भी…"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
20 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
22 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
yesterday
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service