गणेशोत्सव- हे विघ्न विनाशक
अनाचार है, अत्याचार है, गणपति इसका निदान करें।
कुछ न सूझे तो हे बप्पा , मेरे कथन पे विचार करें॥
विघ्न डालें उनके कार्य में, जो हैं देश के भ्रष्टाचारी ।
लेकिन उन्हें निराश न करना, द्वार जो आए सदाचारी॥
नवरात्रि
न फूहड़ वस्त्र न बेशर्मी, सब कुछ शुभ हो त्योहारों में।
गरबा हो या नृत्य कोई , तन हो पवित्र त्योहारों में॥
खेल नहीं है माँ की पूजा, विधि विधान का ध्यान रखें।
माँ की कृपा मिल जाएगी, मन हो पवित्र त्योहारों में॥
दीपावली- हे लक्ष्मी मैया
जो सज्जन हैं भक्त तुम्हारे, तेरी दया को तरसते हैं।
बेईमान, अधर्मी, भ्रष्टाचारी, तेरी कृपा से पनपते हैं॥
धनवान बनाने का मैया , अंदाज बड़ा ही निराला है।
देश में जितना धन सफेद है, उससे ज्यादा काला है॥
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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव, धमतरी
मौलिक / अप्रकाशित
Comment
आदरणीय अखिलेश जी सभी त्योहारो पर बढ़िया भावभिव्यक्ति , आपको बहुत बधाई ।
विघ्न डालें उनके कार्य में, जो हैं देश के भ्रष्टाचारी ।
लेकिन उन्हें निराश न करना, द्वार जो आए सदाचारी॥.......बहुत खूब
खेल नहीं है माँ की पूजा, विधि विधान का ध्यान रखें।
माँ की कृपा मिल जाएगी, मन हो पवित्र त्योहारों में॥ ......पवित्र भावनाओं से की गई पूजा में ही सार्थकता है
धनवान बनाने का मैया , अंदाज बड़ा ही निराला है।
देश में जितना धन सफेद है, उससे ज्यादा काला है॥ ......सत्य कहा
अति सुंदर प्रार्थनाएँ
बधाई स्वीकारें अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी
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