For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गणेशोत्सव- हे विघ्न विनाशक  

अनाचार है, अत्याचार है, गणपति इसका निदान करें।

कुछ न सूझे तो हे बप्पा , मेरे कथन पे विचार करें॥

विघ्न डालें उनके कार्य में, जो हैं देश के भ्रष्‍टाचारी ।

लेकिन उन्हें निराश न करना, द्वार जो आए सदाचारी॥

नवरात्रि

न फूहड़ वस्त्र न बेशर्मी, सब कुछ शुभ हो त्योहारों में।

गरबा हो या नृत्य कोई , तन हो पवित्र त्योहारों में॥

खेल नहीं है माँ की पूजा, विधि विधान का ध्यान रखें।

माँ की कृपा मिल जाएगी, मन हो पवित्र त्योहारों में॥

दीपावली- हे लक्ष्मी मैया

 

जो सज्जन हैं भक्त तुम्हारे, तेरी दया को तरसते हैं।

बेईमान, अधर्मी, भ्रष्‍टाचारी, तेरी कृपा से पनपते हैं॥

धनवान बनाने का मैया , अंदाज बड़ा ही निराला है।

देश में जितना धन सफेद है, उससे ज्यादा काला है॥

 

**************************************************

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव, धमतरी

मौलिक / अप्रकाशित

Views: 474

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on September 10, 2013 at 9:46pm

आदरणीय अखिलेश जी सभी त्योहारो पर बढ़िया भावभिव्यक्ति , आपको बहुत बधाई ।

Comment by vijayashree on September 10, 2013 at 12:45pm

विघ्न डालें उनके कार्य में, जो हैं देश के भ्रष्‍टाचारी ।

लेकिन उन्हें निराश न करना, द्वार जो आए सदाचारी॥.......बहुत खूब 

खेल नहीं है माँ की पूजा, विधि विधान का ध्यान रखें।

माँ की कृपा मिल जाएगी, मन हो पवित्र त्योहारों में॥ ......पवित्र  भावनाओं से की गई पूजा में ही सार्थकता है 

धनवान बनाने का मैया , अंदाज बड़ा ही निराला है।

देश में जितना धन सफेद है, उससे ज्यादा काला है॥ ......सत्य  कहा 

 

अति सुंदर प्रार्थनाएँ 

बधाई स्वीकारें अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी 

Comment by विजय मिश्र on September 10, 2013 at 11:53am
बिन्दू सभी सजग करने वाले ,विचारनीय और उत्सवों पर सुधरने का आह्वान भी . बहुत सुंदर रचना .बधाई अखिलेशजी .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 9, 2013 at 9:46am
आदरणीय बड़े भाई , बहुत सार्थक और सुन्दर प्रार्थना !!! शायद यह मुक्तक है !!बहुत बहुत बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
11 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service