For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिम्मेदार कौन (हाइकु)......

जल-प्रलय
कुदरती कहर
नष्ट जीवन !!

कटते वन
प्रदूषित नदियाँ
विनाशलीला !!

लालची जन
प्राकृतिक आपदा
दोषी है कौन !!

दंगा-फसाद
मजहबी दीवार
यही है धर्म !!

कौम से प्यार
मानवता समाप्त
खून सवार !!

कुर्सी का खेल
देशभक्ति विलुप्त
दोषी को बेल !!

(मौलिक व अप्रकाशित)
प्रवीन मलिक .....

Views: 635

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Parveen Malik on September 12, 2013 at 8:16am
सादर धन्यवाद पाठक भाई ...
Comment by ram shiromani pathak on September 11, 2013 at 8:43pm

आदरणीया प्रवीन मलिक जी बहुत सुन्दर हाइकू है बधाई स्वीकार करें///सादर !

Comment by Parveen Malik on September 10, 2013 at 7:03pm
गिरिराज जी सादर धन्यवाद ...
Comment by Parveen Malik on September 10, 2013 at 7:02pm
विजय मिश्र जी बहुत बहुत धन्यवाद अपना कीमती कमेंट देने के लिए ... सादर !
Comment by Parveen Malik on September 10, 2013 at 7:00pm
शिजु शकूर जी कीमती समय देने के लिए ... सादर !
Comment by Parveen Malik on September 10, 2013 at 6:57pm
विजयश्री जी हार्दिक आभार....

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 10, 2013 at 6:42pm

आदरणीय परवीन मलिक जी शानदार व्यंग शान दार हाइकू !! बधाई !!

Comment by विजय मिश्र on September 10, 2013 at 6:37pm
बैमानों की
भीड़ लगी है
रेलमपेल - सटीक कटाक्ष आज की इस अर्थोंमुख अंधादौड़ पर .बधाई प्रवीनजी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on September 10, 2013 at 3:34pm

आदरणीया प्रवीन मलिक जी बहुत बढ़िया हाइकू है बधाई स्वीकार करें

Comment by vijayashree on September 10, 2013 at 3:21pm

अति सुंदर 

परवीन मलिक

हर हाइकू

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"ध्वनि लोग उसे  पूजते।चढ़ावे लाते।वह बस आशीष देता।चढ़ावे स्पर्श कर  इशारे करता।जींस,असबाब…"
14 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"स्वागतम"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. रिचा जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई रवि जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन।बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई दिनेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. भाई दिनेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service