For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१ २ २ २ / १ २ २ २ /१ २ २ २ 

न  मिलने का नया, उसका बहाना है.

उसे हर हाल बस, मेरा दिल दुखाना है .

कहाँ तक सुनें, कभी तो खत्म हो जाएँ,

नए किस्से नया, उसका हर फ़साना है.

जिसे देखो, वो संग ले हाथ में, दौड़े,

जहाँ में मुझ पागल का, क्या ठिकाना है .

सितमगर लाख बारूद बो, ज़मीनों में 

अमन की फसलें, दिल में लहलहाना है.

नई हर चाल उसकी, पैंतरे खूब हैं,

उसे हर  हाल में, मुझे हराना है.

रिवाजों में न कैद कर तू बेटी को

उसे दुनिया के आगे सर उठाना है .

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 694

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2013 at 10:53am

सुन्दर प्रयास आ० शालिनी जी 

बहर कुछ ज़गह हाथ छुड़ा कर भाग रही है.. सतत प्रयास से सधती जायेगी 

शुभकामनाएं 

Comment by Saarthi Baidyanath on September 22, 2013 at 8:49pm

शालिनी जी ..... बढ़िया व सरहनीय प्रयास है...| नमन सहित :)

Comment by shalini rastogi on September 22, 2013 at 6:38pm

वीनस केसरी  जी .. मुझे पता है कि अभी बहुत सारी कमियां रहतीं हैं .. फिर भी आपकी टिप्पणी से हौंसला मिला .. आपका मार्गदर्शन भी वांछित है |

सधन्यवाद!

 

Comment by shalini rastogi on September 22, 2013 at 6:34pm

Dr Ashutosh Mishra ji हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ ..

Comment by वीनस केसरी on September 21, 2013 at 11:04pm

वाह निभाते निभाते आप बहुत कुछ निभा ले गईं ... हार्दिक बधाई
जो थोड़ी सी कसर बची रह गई है वो भी जल्द दूर हो जायेगी
सादर शुभकामनाएं

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 21, 2013 at 4:24pm

आपके इस प्रयास पर हार्दिक बधाई ...

कहाँ तक सुनें, कभी तो खत्म हो जाएँ,

नए किस्से नया, उसका हर फ़साना है....आपका ये शेर मुझे पसंद आया सादर बधाई स्वीकारें 

Comment by shalini rastogi on September 20, 2013 at 11:37pm

धन्यवाद जितेन्द्र 'गीत' जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 20, 2013 at 11:21pm

कहाँ तक सुनें, कभी तो खत्म हो जाएँ,

नए किस्से नया, उसका हर फ़साना है.

यह शेर बहुत पसंद आया,बढ़िया गजल, बधाई स्वीकारे आदरणीया शालिनी जी

Comment by shalini rastogi on September 20, 2013 at 11:05pm

अरुन शर्मा 'अनन्त' जी .. आगे पोस्ट करने से पहले इन बिन्दुओं पर अवश्य ही विचार करुँगी .. आपके अनमोल सुझाव हेतु धन्यवाद!

Comment by shalini rastogi on September 20, 2013 at 11:04pm

धन्यवाद Parveen Malik  जी :)

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post ठहरा यह जीवन
"आदरणीय अशोक भाईजी,आपकी गीत-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ  एक एकाकी-जीवन का बहुत ही मार्मिक…"
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. रवि जी "
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"स्वागत है आ. रवि जी "
10 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश जी जुलाई में इंदौर आ रहा हूँ मिलत है फिर ।  "
13 hours ago
Ravi Shukla commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"      आदरणीय अजय जी ग़ज़ल के प्रयास केलिये आपको बधाई देता हूँ । ऐसा प्रतीत हो रहा है…"
13 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरीणीय नीलेश जी तरही मिसरे पर मुशाइरे के बाद एक और गजल क साथ उपस्थिति पर आपको बहुत बहुत मुबारक बाद…"
14 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted blog posts
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"सोलह गाफ की मात्रिक बहर में निबद्ध आपकी प्रस्तुति के कई शेर अच्छे हुए हैं, आदरणीय अजय अजेय जी.…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. अजय जी,क़ाफ़िया उन्मत्त तो सुना था उन्मत्ते पहली बार देखा...तत्ते का भी अर्थ मुझे नहीं पता..उतना…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय posted a blog post

ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)

लोग हुए उन्मत्ते हैं बिना आग ही तत्ते हैंगड्डी में सब सत्ते हैं बड़े अनोखे पत्ते हैंउतना तो सामान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"क्या अंदाज है ! क्या मिजाज हैं ! आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय नीलेश…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service