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नव युवा हे ! चिर युवा .................. . (अन्नपूर्णा बाजपेई )

नव युवा हे ! चिर युवा तुम

उठो ! नव युग का निर्माण करो ।

जड़ अचेतन हो चुका जग,

तुम नव चेतन विस्तार करो ।

पथ भ्रष्ट लक्ष्य विहीन होकर

न स्व यौवन संहार करो ।

उठो ! नव युग का निर्माण करो ...............

दीन हीन संस्कार क्षीण अब

तुम संस्कारित युग संचार करो ।

अभिशप्त हो चला है भारत !!

उठो ! नव भारत निर्माण करो ।

नव युवा हे ! चिर युवा ..............................

गर्जन तर्जन  ढोंगियों का

कर रहा मानव मन क्रंदन ।

सिंहों सी गर्जन अब हुंकार भरो

उठो सत्य प्रति मूर्ति नरेंद्र बनो ।

नव युवा हे ! चिर युवा ........................

गूँजे हुंकार कि काँप उठे दुष्प्रहरी

न मृगछौना बन शावक केसरी ।

चंहु दिशि गुंजित कर दे

ऐसी सिंह दहाड़ करो ।

नव युवा हे! चिर युवा.............

 

अप्रकाशित एवं मौलिक

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Comment by annapurna bajpai on November 22, 2013 at 4:46pm

आ0 अरुण श्रीवास्तव जी आपका हार्दिक आभार । 

Comment by annapurna bajpai on November 22, 2013 at 4:45pm

आदरणीय बागी जी आपका हार्दिक आभार । 

Comment by Arun Sri on November 20, 2013 at 1:23pm

सन्मार्ग की ओर प्रेरित करती , आह्वान करती सशक्त कविता ! बहुत बढ़िया !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 20, 2013 at 12:52pm

नव युवा हे ! चिर युवा तुम

उठो ! नया निर्माण करो ।

जड़ अचेतन हो चुका जग,

नव चेतन विस्तार करो ।

होकर के तुम लक्ष्य विहीन,

न स्व यौवन संहार करो ।

उठो ! नया निर्माण करो ............

वाह वाह, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें |

Comment by annapurna bajpai on November 11, 2013 at 10:35pm

आदरणीय विजय जी आपका हार्दिक आभार । 

Comment by विजय मिश्र on November 11, 2013 at 5:32pm
सुसुप्त ,अवचेत और धन के प्रति दुराग्रही आज की युवा पीढ़ी को राष्ट्रधर्म और सद्कर्म के प्रति सचेत करती एक जोश भरी सदाग्रही कविता जो जीवन में समष्टि का भाव प्रेरण करती है . अतिसुन्दर ! साधुवाद अन्नपूर्णाजी .
Comment by annapurna bajpai on November 10, 2013 at 11:12pm

आपका हार्दिक आभार आ0 नीरज मिश्रा जी । 

Comment by Neeraj Nishchal on November 10, 2013 at 9:23pm

बहुत ही खूबसूरत कविता लिखी है आदरणीया अन्नपूर्णा जी
सहृदय बधाई आपको

Comment by annapurna bajpai on November 10, 2013 at 8:47pm

आ0 राम शिरोमणि जी आपका हार्दिक आभार । 

Comment by ram shiromani pathak on November 10, 2013 at 8:19pm

आदरणीया अन्नपूर्णा जी,बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बहुत बधाई आपको। ..सादर

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