For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अपनी क्रिकेट टीम के क्या कहने क्या ठाट

सचिन विरासत दे गए रोहित शिखर विराट /


सचिन आम इन्सान से, बने आज भगवान
तुम हो भारत देश की, आन बान औ' शान /

बोल खेल को अलविदा,चौबीस साल बाद
पाए आशीर्वाद हैं , सदा रहो आबाद /


पाकर भारत रत्न को, तूने पाया मान
आज सलाम तुझे करें,क्रिकेटर तू महान /


विश्वभर के क्रिकेट का, सचिन है धूमकेतु
पीढ़ियों को जोड़ सचिन बना मजबूत सेतु /


एक दिवसीय मैच में ,दोहरा शतक ठोक
विपक्षी हर जुबान पे,सचिन लगाई रोक  /


दीवाना वो देश का ,लिए इरादे नेक
बड़े हों गेंदबाज तो भी घुटने दें टेक /

ब्लास्टर कोई कहे ,कहीं कहें भगवान
सच्चा सौदा है किया,बने नेक इन्सान/

................................................

..........मौलिक व अप्रकाशित............

Views: 859

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 8:21pm

आदरणीय संदीप जी हार्दिक आभार 

आपने सही कहा सचिन भारत के लिए खुद एक अवार्ड हैं ,सादर 

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 8:20pm

अरुण शुक्रिया ,स्नेह बनाए रखें 

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 8:19pm

आदरणीय निलेश जी हार्दिक आभार आपको दोहावली पसंद आई 

और यह भी पता चला आज तक किसी ने खिलाड़ी पर दोहावली नहीं लिखी 

तो निश्चित ही सचिन को समर्पित दोहावली में सुधार करती हूँ

आशीर्वाद बनाए रखें |  

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 8:07pm

आदरणीया राजेश दी 

आपने जो गल्तिओं को बताया उनको सुधार लेती हूँ ,शुक्रिया ....

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 8:02pm

आदरणीय डॉ गोपाल जी हार्दिक आभार मार्गदर्शन करते रहें 

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 7:53pm

आदरणीय गणेश जी इसे अभी सुधार लेती हूँ | शुक्रिया आपने खामियों को इंगित किया , मार्गदर्शन करते रहें |

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 7:51pm

आदरणीय नीरज मिश्रा जी मैंने सचिन पर आई लोगों की प्रतिक्रियाओं को दोहा रूप दिया ,खिलाड़ी उससे प्रेरणा ले उसको भगवान मानते हैं तो क्या हर्ज है ,मैं नहीं मानती आप भी मत मानिये |

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 7:47pm

आदरणीय अखंड जी 

आपने जो भी कहा भारत रत्न के नियमों के अनुसार हमें बताया 

बाकी सचिन को भारत रत्न मिलना या न मिलना सबकी निजी राय है 

मेरा अपना मानना है कि अगर हम इस मुद्दे को अलग रख किसी भी व्यक्ति विशेष में कुछ अच्छे पहलुओं पर नजर डालें तो अच्छा रहेगा बस उसके खेल के प्रति योगदान को मैं लिखूं ऐसी प्रेरणा मुझे मिली |

आपका बहुत आभार आपने मेरी रचना को पढने का समय निकाला 

Comment by Sarita Bhatia on November 21, 2013 at 7:39pm

आदरणीया गीतिका जी शुक्रिया आपको दोहे पसंद आए 

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on November 21, 2013 at 3:28pm

कोई कुछ भी कहे आदरणीय सत्य तो यही है के कभी न कभी हर किसी ने सचिन की वाहवाही जरुर की होगी

अब वो चाहे कुछ भी कह रहा हो

वो इसके हकदार हैं

उन्हें कोई अवार्ड की जरुरत कहाँ हैं वो खुद अवार्ड हैं ...................जय हो सुन्दर प्रस्तुति बधाई

मात्रिक दोष आप सुधार लेंगी ये आशा है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Jul 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Jul 3

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service