For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मासूम सी हूँ मैं .... नाजुक सी |
अभिलाषा भी .... एक नन्हीं सी |
जीवन ये जो ...दिया विधाता ने |
जियूँ ना जीवन क्यूँ अधिकारी सी|| (1)

लगा था मुझे .. मैं भी .. इक इन्सान हूँ |
डूबी जिन्दगी क्यूँ आँसुओं में .. हैरान हूँ |
बता दो कोई .. इस दर्द की दवा क्या है ?
या मैं सिर्फ .. हवस का एक सामान हूँ || (2)

मिल ना पाए सजनी कोई सपनों की |
सूनी हुई कलाई भी राखी पे भाई की |
छीनी जिन्दगी जो कोख में बिटिया की |
मर गई या फिर वहशत में दरिंदगी की || (3)

कैद है ललिया यूँ ही बंदिशे जंजीरों में |
महफूज है ही कहाँ हैवानी सी नजरों में |
आया कहाँ मर के भी चैन तुझे कब्रों में 
लिप्त रही मनसा..उन अप्सराओं हूरों में || (4)

-------------------अलका गुप्ता -------------------

नोट - यह मेरी स्वरचित एवं अप्रकाशित रचना है 

Views: 450

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Alka Gupta on December 26, 2013 at 10:24pm

आर्दिक आभार आपका एवं आपके प्रेरक शब्दों का आदरणीय साथियों 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 24, 2013 at 9:32am

आदरणीया अलका जी, सुंदर सार्थक रचना पर बधाई स्वीकारें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 24, 2013 at 8:52am

आदरणीया अलकाजी आपने बेटी के जीवन के कुछ कठोर पहलुओं को मार्मिकता से प्रस्तुत किया है, इस रचना के लिये दिली मुबारकबाद कुबूल करें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 23, 2013 at 9:11pm

सुनदर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको हार्दिक बधाई !!!!!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"ज़िन्दगी जी के कुछ मिला तो नहीं मौत आगे का रास्ता तो नहीं. . मेरे अन्दर ही वो बसा तो नहीं मैंने…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी आयोजन का उद्घाटन करने बधाई.ग़ज़ल बस हो भर पाई है. मिसरे अधपके से हैं…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"देखकर ज़ुल्म कुछ हुआ तो नहीं हूँ मैं ज़िंदा भी मर गया तो नहीं ढूंढ लेता है रंज ओ ग़म के सबब दिल मेरा…"
12 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"सादर अभिवादन"
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"स्वागतम"
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-129 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service