For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Alka Gupta's Blog (6)

******(लोक-गीत)*******

एक प्रयास मित्रों !!! 

******(लोक-गीत)*******



गीतु लिखे वियोग मअ..अगन के |

जलत रातु -दिनु..बिनु सजन के ||



आए अबके न सावनु झूम के |

बौराए अबके न डारि अम्बुआ के |

भीज गयी असुअन.. हिचकारी रे |

जलत रातु -दिनु ..बिनु सजन के |

गीतु लिखे वियोग मअ.. अगन के ||



आगु लगे ..संगिनी -साथिन के |

बैठे राहें तन्हा..अँधेरिया अटारी पे…

Continue

Added by Alka Gupta on April 23, 2014 at 6:30pm — 10 Comments

शब्द

शब्द भावों के गले मिलने लगें |

ह्रदय हर किसी के.. मथने लगें |

गुदगुदाते ...लताड़ते से...कभी...

सहलाते से जीवन संवारने लगें ||



राह अभिव्यक्ति की चलने लगें |

शब्द घेरे में जब ..सिमटने लगें |

शब्द मात्रा..रस..छंद..अलंकार में ..

स्मृतियाँ महाकाव्य सी रचने लगें ||



प्रताड़ना से घिरे शब्द भर्त्सना पाने लगें |…

Continue

Added by Alka Gupta on December 27, 2013 at 10:00am — 10 Comments

काम वाण

पूरण करे प्रकृति अभिमंत्रित काम ये काज |

सृष्टि निरंतर प्रवाहित होवे निमित्त यही राज ||

-----------------------------------------------



हाय ! कौन आकर्षण में

बींध रहा है ...मन आज |

नयन ही नयनों से 

खेलन लगे हैं रास ||



घायल हुआ मन...अनंग

तीक्ष्ण वाणों से आज |

टूट गए बन्धन ...लाज 

गुंफन के सब फांस ||



करने लगे..... झंकृत...…

Continue

Added by Alka Gupta on November 23, 2013 at 10:30pm — 12 Comments

बेटी

मासूम सी हूँ मैं .... नाजुक सी |

अभिलाषा भी .... एक नन्हीं सी |

जीवन ये जो ...दिया विधाता ने |

जियूँ ना जीवन क्यूँ अधिकारी सी|| (1)



लगा था मुझे .. मैं भी .. इक इन्सान हूँ |

डूबी जिन्दगी क्यूँ आँसुओं में .. हैरान हूँ |

बता दो कोई .. इस दर्द की दवा क्या है ?

या मैं सिर्फ .. हवस का एक सामान हूँ || (2)



मिल ना पाए सजनी कोई…

Continue

Added by Alka Gupta on November 22, 2013 at 10:50pm — 4 Comments

हाइकु

पार गगन  

पंक्षी सा उड़ जाऊं 
पंख पसार ...(१)

मीठी वानी 
कुटिल सयानी सी 
मन की काली...(२)

है मतवाली
फिरती डाली डाली 
कोयल ये काली ...(३)

------अलका गुप्ता -----

नोट - यह मेरी स्व रचित मौलिक रचना है 

Added by Alka Gupta on November 18, 2013 at 3:30pm — 11 Comments

सतरंगी कमान |

नील गगन हे ! सावधान |

साध ये ..सतरंगी कमान |

आया है... कौन काज ...

अनंग ले ...ये काम वान ||



शाख शजर के डेरा डाल |

मन करे..घायल बेहाल |

हरी हरियाली पाँखों बीच ..

ओढ़े बैठा सतरंगी शाल ||



मौसम ये भीगा-भीगा आया |

काले-काले...बदरा लाया |

वावली हुईं…

Continue

Added by Alka Gupta on October 30, 2013 at 11:03pm — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service