For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पार गगन  

पंक्षी सा उड़ जाऊं 
पंख पसार ...(१)

मीठी वानी 
कुटिल सयानी सी 
मन की काली...(२)

है मतवाली
फिरती डाली डाली 
कोयल ये काली ...(३)

------अलका गुप्ता -----

नोट - यह मेरी स्व रचित मौलिक रचना है 

Views: 548

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Alka Gupta on December 26, 2013 at 10:24pm

आर्दिक आभार आपका एवं आपके प्रेरक शब्दों का आदरणीय साथियों 

Comment by ram shiromani pathak on November 19, 2013 at 11:22pm

सुन्दर प्रयास आदरणीया हार्दिक बधाई  आपको///सादर 

Comment by annapurna bajpai on November 19, 2013 at 11:20pm

सुंदर हाइकु !! आ० अल्का जी । आ० प्राची जी के मशविरे पर ध्यान देने की आवश्यकता है । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on November 19, 2013 at 9:49pm

सुन्दर हाइकू, बधाई............


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 19, 2013 at 8:37pm

बधाई व शुभकामनाएँ..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on November 19, 2013 at 6:51pm

सुन्दर हायकू प्रयास आ० अलका जी 

इस हायकू को पुनः देख लें 

मीठी वानी ................४ वर्ण 
कुटिल सयानी ............६ वर्ण 

मन की काली

शुभकामनाएं 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 19, 2013 at 5:45pm

सुंदर हायकू ..सादर बधाई 

Comment by Meena Pathak on November 19, 2013 at 5:15pm

सुन्दर हाइकू पर जैसा की आदरणीय योगराज जी ने कहा एक बार पुनः दूसरा हाइकू देख लीजिए ...


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 19, 2013 at 4:56pm

दूसरे हाइकू की पहली और दूसरी पंक्ति पुन: देखें आ० अलका गुप्ता जी.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on November 19, 2013 at 3:01pm

 अलका जी

सराहनीय प्रयास है  i

शब्द चयन एवं प्रयोग दोनों ही अच्छे हैं i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
10 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"धन्यवाद,  आज़ाद तमाम भाई ग़ज़ल को समय देने हेतु !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service