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तुमने खीची थी जो

सादे पन्ने पर

आड़ी तिरछी रेखाएं

वही मेरी जिंदगी की

तस्वीर  है

वही जी रहा हूँ.

 

रस भरी के फल

जिसे छोड़ दिया था

तुमने कड़वा कहकर

वही मेरी जिंदगी की

मिठास  है .

वही जी रहा हूँ ..

 

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

 

तुम हो गये मुझसे दूर

तुम्हे अंक के पहले का शून्य बनना था

मैं तुम्हारा शून्य समेटे हूँ

वही मेरी जिंदगी का

सत्य  है

वही जी रहा हूँ . 

मौलिक एवं अप्रकाशित .. 

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Comment

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Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:20am

आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पणी से उत्साह बढ़ा है , सादर धन्यवाद ..

Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:19am

आदरणीय जीतेन्द्र गीत जी बहुत बहुत धन्यवाद..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 18, 2013 at 11:49pm

हताशा से उपजी और झल्लाहट भरी वैचारिकता को जीती इस अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई.

शुभ-शुभ

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 10, 2013 at 10:05am

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

क्या बात है, स्वार्थी और अवसरवादी इंसानों पर सटीक वार करती पंक्तियाँ, इस मर्मस्पर्शी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:43am

आदरणीया वंदना तिवारी जी आपकी टिप्पणी से हौसला बाधा है , आपका हार्दिक धन्यवाद . 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:42am

आदरणीय गिरिराज  भंडारी साहब बहुत धन्यवाद .. 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:41am

आदरणीय अरुण भाई हार्दिक आभार..

Comment by Vindu Babu on December 10, 2013 at 8:28am
आदरणीय नीरज जी अच्छी 'कविता' रची है,कई बार पढी...प्रभावित किया।
सादर बधाई इस हृदयस्पर्शी रचना के लिए।
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 9, 2013 at 5:22pm

आदरणीय नीरज भाई , सुन्दर रचना के लिये बधाई !!!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 3:40pm

आदरणीय नीरज भाई जी बहुत ही सुन्दर भाव से भरी रचना बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

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