For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मीरा छोड़ सब तेरी गली मोहन चली आयी

शेर -

"प्रीत  की लगन है ये , किसी ने न जानी है ।
सबकी समझ में आती  नही ये कहानी है ।"

मीरा छोड़ सब तेरी गली मोहन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।

कि इकतारे की सरगम पर विरह के गीत गाती है ।
दीवानी बावरी बेसुध तुम्हारी और आती है ।

जर्जर तन निगाहों में लिए सावन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।

देह भी चूर है थक कर और पैरों में छाले हैं ।
सूखते लब तुम्हारे नाम की माला सभाले हैं ।

कि प्रेमी पर फ़िदा होने आज प्रेमिन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।

गुज़ारें हैं बरस कितने तुम्हारी इंतज़ारी में ।
मिलन कि आस में पल पल जली है बेकरारी में ।

न आया जब पिया लेने तो खुद दुलहन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।

सुना है सांवरे तेरा बड़ा है नाम दुनिया में ।
मगर ये तेरे पीछे हो गयी बदनाम दुनिया में ।

सजनी अपने साजन के आज आँगन चली आयी ।
न आया तू तो तेरे द्वार पर जोगन चली आयी ।

मौलिक व अप्रकाशि

नीरज  "प्रेम"

Views: 720

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Nishchal on February 7, 2014 at 11:52am

आदरणीया अन्नपूर्णा जी बहुत बहुत शुक्रिया आपका ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 7, 2014 at 11:51am

आदरणीय जीतेन्द्र भाई बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 7, 2014 at 11:49am

कुंती जी बहुत बहुत आभार आपका ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 7, 2014 at 11:48am

आदरणीय मीना जी बहुत बहुत आभारी हो रखा हूँ आपका ।

Comment by Neeraj Nishchal on February 7, 2014 at 11:44am

आदरणीय अखिलेश जी अदा करता हूँ शुक्रिया तहे से आपका ।

Comment by annapurna bajpai on February 6, 2014 at 1:57am

बहुत सुंदर , अद्भुत बधाई आपको । 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 4, 2014 at 11:23pm

बेहद सुंदर रचना आदरणीय नीरज जी, हार्दिक बधाई आपको

Comment by coontee mukerji on February 4, 2014 at 10:03pm

प्रेम रस में डुबी एक सुंदर रचना.

Comment by Meena Pathak on February 4, 2014 at 6:48pm

बहुत सुन्दर ..... बधाई 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on February 4, 2014 at 11:46am

आदरणीय नीरज भाई,

बावरी मीरा का सुंदर चित्रण सुंदर शब्दों में किया है , हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
40 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
1 hour ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service