For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देवदार के पत्ते पर 

बर्फ के कतरे जितनी
मेरी अभिलाषा |

उस पर भी दुनिया की सौ-सौ शर्तें
सौ-सौ पहरे
तीक्ष्ण-तल्ख भाषा |

पलकों की ड्योढ़ी पर बैठे स्वप्न
कुछ नेपथ्य में टूट-फूट
करते विलाप
सभी प्रतीक्षारत, कब छँटे
घना कुहासा |

प्रस्वेदित तन
म्लानता का प्रचण्ड सूरज
जीवन नभ पर
और सिद्धि की
शून्य सदृश आशा |

भिक्षुक द्वार खड़ा आशीष लिए
दानी परदे में बैठा
यहाँ कौन भिक्षुक ?
प्रभु !
कैसी परिभाषा |

मेरी अभिलाषा...

- आशीष नैथानी सलिल
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 1727

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on March 7, 2014 at 10:50pm

आदरणीय सौरभ जी, मैने आपकी टिप्पणी के लिये लम्बा इंतजार किया :)))  कई बार सोचा आपको कविता का लिंक देकर एक बार राय पूछ लूँ (अवलोकनार्थ) लेकिन फिर स्वप्रचारित करना अच्छा नहीं लगा, सोचा कभी न कभी रचना आपकी नजरों से गुजर ही जायेगी | आज वही हुआ, कविता पर आपकी अमूल्य टिप्पणी पाकर अभिभूत हुआ | 

बहुत-बहुत धन्यवाद | :)
Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on March 7, 2014 at 10:39pm

कविता पर अपनी अमूल्य टिप्पणियों के लिये आदरणीया मीना जी, आदरणीय श्याम नारायण जी, आदरणीया अनुपमा जी, आदरणीय जितेन्द्र जी, आदरणीय आशुतोष जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !!!  :)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 4, 2014 at 3:53pm

मेरी बार बार बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ लीजिये भाई आशीषजी.
बहुत सार्थक संयत और सुगढ़ रचना प्रस्तुत की है आपने.
शुभेच्छाएँ

Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 15, 2014 at 10:14am

भिक्षुक द्वार खड़ा आशीष लिए 
दानी परदे में बैठा
यहाँ कौन भिक्षुक ?
प्रभु !
कैसी परिभाषा |  आदरणीय आशीष जी सच में कौन भिक्षुक है यह कह पाना मुश्किल है ..शानदार राचन के लिए मेरिट तरफ से तहे दिल बधाई सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 15, 2014 at 8:27am

सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बधाई स्वीकारें आदरणीय आशीष जी

Comment by annapurna bajpai on February 13, 2014 at 7:33pm

सुंदर भावभिव्यक्ति , बधाई आपको । 

Comment by Shyam Narain Verma on February 13, 2014 at 4:48pm
बहुत सुन्दर, बहुत भावपूर्ण।
Comment by Meena Pathak on February 13, 2014 at 2:54pm

बहुत सुन्दर अभिलाषा 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service