इधर-उधर की न कर, बात दिल की कर साक़ी
सुहानी रात हुआ करती मुख़्तसर साक़ी ||
खिला-खिला है हर इक फूल दिल के सहरा में
तुम्हारे इश्क़ का कुछ यूँ हुआ असर साक़ी ||
अजीब दर्दे-मुहब्बत है ये शकर जैसा
जले-बुझे जो सितारों सा रातभर साक़ी ||
उतार फेंक हया शर्म के सभी गहने
कि रिस न जाए ये शब, हो न फिर सहर साक़ी ||
है बरकरार तेरा लम्स* मेरे होंठों पर
कि जैसे ओंस की इक बूँद फूल पर साक़ी ||
ख़ुदा से और न दरख़ास्त एक तेरे सिवा
तेरी निगाह में हो ज़िन्दगी बसर साक़ी ||
लम्स - स्पर्श
अरकान - १२१२ ११२२ १२१२ ११२/२२
(मौलिक और अप्रकाशित)
Comment
हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय
बढिया..
खुबसूरत रूमानी ग़ज़ल के लिए बहुत -२ बधाई आपको आ, आशीष जी /
है बरकरार तेरा लम्स* मेरे होंठों पर
कि जैसे ओंस की इक बूँद फूल पर साक़ी ||
बेहद उम्दा आदरणीय...
बधाई हो...
सुहानी रात हुआ करती मुख़्तसर साक़ी ..................... ये तो उकसाने वाली बात हुई भाई ! :-))) बेहद रूमानी !
है बरकरार तेरा लम्स* मेरे होंठों पर
कि जैसे ओंस की इक बूँद फूल पर साक़ी ................... उस रेशमी स्पर्श को बहुत कम उम्र कर दिया आपने ! सिर्फ भोर तक !!! अभी तो पूरी दोपहर सर पर है , बचाकर रखते ! :-)))
बेहतरीन गज़ल हुई है !
दिल में बस्ने वाली ग़ज़ल हुई , आशीष भाई .हार्दिक बधाई .
है बरकरार तेरा लम्स* मेरे होंठों पर
कि जैसे ओंस की इक बूँद फूल पर साक़ी | ...............इस शे'र के तो क्या कहने .
शुक्रिया आदरणीय गिरिराज जी, आदरणीया कल्पना जी, आदरणीया माहेश्वरी जी !!
शुक्रिया आदरणीया कुन्ती जी, आदरणीय जितेंद्र जी, आदरणीया विंदू जी !!
तहेदिल से शुक्रिया आदरणीय अखिलेश जी, आदरणीय आशुतोष जी, आदरणीय उमेश जी !!
शुक्रिया भाई धर्मेन्द्र जी, शुक्रिया आदरणीया मीना जी !!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online