सारी दुनिया कर रही अब तेरी पहचान
तू दुर्गा तू शक्ति है तेरा कर्म महान /
तेरा कर्म महान नहीं बनना तू अबला
खुद की कर पहचान हुई तू सक्षम सबला
पहचानो अधिकार करो शिक्षित हर नारी
होना कभी न मौन झुकेगी दुनिया सारी //
.........मौलिक व अप्रकाशित...........
Comment
आदरनीया सरिता जी , बहुत अच्छी कुंडलिया रची है आपने , बधाई ॥
अदम्य साहस है हम महिलाओं मैं, मौन होना स्वभाव ही नहीं है इन का .................. आo सरिता जी बहुत खूब बधाई आप को । सादर
इस खूबसूरत रचना की हार्दिक बधाई..... |
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