For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 5 हायकु

उदास हम

हो गये हैं फिर से

छले जो गये

मिले वो हमें

जिन्दगी बन कर

दे गये धोखा

साथ छोड़ा क्‍यों

तड़पाने के लिये

यही प्‍यार है

मर जायेगें

हम तेरी चाह में

खुश रहना

सपने टूटे

वह हमसे रूठे

मिली सजा है

मौलिक एवं अप्रकाशित

अखंड गहमरी

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Akhand Gahmari on April 6, 2014 at 2:44pm

आदरणीया डा प्राची सिह जी आपके मार्गदर्शन एंव विचारों को आवश्‍य सकारात्‍मक रूप देने का प्रयास करूँगा आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें। आदरणीया यह पूर्ण रूप से मेरा पहला प्रयास था और पहले प्रयास के 5 हायकु थे आपके मार्गदर्शन में अवश्‍य इस दिशा में कार्य होगा

Comment by Akhand Gahmari on April 6, 2014 at 2:42pm

आदरणीय जितेन्‍द्र गीत जी आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें।

Comment by Akhand Gahmari on April 6, 2014 at 2:41pm

आदरणीया coontee mukerji जी आपके मार्गदर्शन एंव विचारों को आवश्‍य सकारात्‍मक रूप देने का प्रयास करूँगा आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्‍वीकार करें।

Comment by coontee mukerji on April 6, 2014 at 12:58pm

इन भावों को आप हायकु न कर कोई और रूप दे दीजियेगा..निखर आएगा....सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 5, 2014 at 10:03pm

हायकू प्रयास के लिए बधाई आ० अखंड गहमरी जी 

मुझे विधा का पालन करता हुआ सिर्फ एक ही हायकू लगा 

सपने टूटे

वह हमसे रूठे

मिली सजा है

बाकी सभी हायकुओं में तीनों पंक्तियाँ अपने अर्थ को व्यक्त करने में पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हैं...बल्कि एक दुसरे पर निर्भर हैं 

शुभेच्छाएं 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 5, 2014 at 12:12am

बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी हाइकू रचना, बधाई आदरणीय अखंड जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
10 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
10 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
13 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
13 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
13 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
13 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
13 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service