5 हायकु
उदास हम
हो गये हैं फिर से
छले जो गये
मिले वो हमें
जिन्दगी बन कर
दे गये धोखा
साथ छोड़ा क्यों
तड़पाने के लिये
यही प्यार है
मर जायेगें
हम तेरी चाह में
खुश रहना
सपने टूटे
वह हमसे रूठे
मिली सजा है
मौलिक एवं अप्रकाशित
अखंड गहमरी
Comment
आदरणीया डा प्राची सिह जी आपके मार्गदर्शन एंव विचारों को आवश्य सकारात्मक रूप देने का प्रयास करूँगा आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्वीकार करें। आदरणीया यह पूर्ण रूप से मेरा पहला प्रयास था और पहले प्रयास के 5 हायकु थे आपके मार्गदर्शन में अवश्य इस दिशा में कार्य होगा
आदरणीय जितेन्द्र गीत जी आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्वीकार करें।
आदरणीया coontee mukerji जी आपके मार्गदर्शन एंव विचारों को आवश्य सकारात्मक रूप देने का प्रयास करूँगा आपके आर्शीवाद एवं मार्गदर्शन का सदैव आकांक्षी मेरा प्रणाम स्वीकार करें।
इन भावों को आप हायकु न कर कोई और रूप दे दीजियेगा..निखर आएगा....सादर
हायकू प्रयास के लिए बधाई आ० अखंड गहमरी जी
मुझे विधा का पालन करता हुआ सिर्फ एक ही हायकू लगा
सपने टूटे
वह हमसे रूठे
मिली सजा है
बाकी सभी हायकुओं में तीनों पंक्तियाँ अपने अर्थ को व्यक्त करने में पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हैं...बल्कि एक दुसरे पर निर्भर हैं
शुभेच्छाएं
बहुत सुंदर मर्मस्पर्शी हाइकू रचना, बधाई आदरणीय अखंड जी
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