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उत्साहवर्धन के लिये हम आपके आभारी है आदरणीया Meena Pathak जी
उत्साहवर्धन के लिये हम आपके आभारी है आदरणीय Sachin Dev जी
उत्साहवर्धन के लिये हम आपके आभारी है आदरणीय शकील जमशेदपुरी जी
उत्साहवर्धन के लिये हम आपके आभारी है आदरणीय गिरिराज भंडारी जी
उत्साहवर्धन के लिये हम आपके आभारी है आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी
यार उन से करे हम कहाँ बैठ जब
चाँद से भ्ाी उसे हम छुपाते रहे
फिर मिलेगे कभी ना कभी हम यहाँ
आस के दीप मन में जलाते रहेआदरणीय अखंड भाई ..आपकी उम्मीद कायम रहे ..इंसान को आशावादी होना चाहिए....दोनों शेर मुझे बेहद पसंद आये ..मेरी तरफ से हार्दिक बधाई .सादर
आदरनीय अखंड भाई , बहुत उम्दा ग़ज़ल कही है , मेरी हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें !!
धुन में पढ़ गया...मजा आ गया।
आदरणीय अखंड गहमरी जी, इस सुंदर गजल पर हार्दिक बधाई आपको !
अति सुन्दर .. बहुत बहुत बधाई
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