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एक और वैलेंटाइन डे ..


कहते  तो हैं की इश्क है हमसे..
इश्क है क्या ये जानते ही नहीं..
यूं तो लेते हैं न जाने कितनी कसमें..
कसमों की कीमत है क्या जानते ही नहीं..
चाह और ख्वाहिशों को वो समझते हैं प्यार..
प्यार की गहराइयों को जानते ही नहीं..
न देखा ,न जाना,न समझा न बूझा..
कहते हैं अपना पर हमको वो जानते ही नहीं..
फूल देके गुलाब का ,प्यार का दिन मनाते हैं..
प्यार लेता है उम्र,ताउम्र का होता है जानते ही नहीं...

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Comment by Lata R.Ojha on February 17, 2011 at 5:13pm
Thank you Sharda di :)
Comment by Lata R.Ojha on February 16, 2011 at 11:34pm
Dhanyavaad Sanjay ji :)
Comment by Sanjay Sharma on February 16, 2011 at 11:06pm
Bahut Khoob Lata Ji !!!!
Comment by Lata R.Ojha on February 15, 2011 at 4:38pm
Shukria Vandana ji :)

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