For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुंडलिया छंद - लक्ष्मण लडीवाला

आँचल में ममता लिए, भरा ह्रदय में प्यार

क्या कोई भी दे सका,माँ सा प्यार दुलार

माँ सा प्यार दुलार, जिसे पाने को तरसे,

सर पर माँ जब हाथ,रखे तो प्रभु भी हरषे

कह लक्ष्मण मत टोक, लगाती टीका काजल

जीवन हो आबाद, मिले जब माँ का आँचल |

(2)

दोहा देखो छंद में,  सबका है  सरताज,

सभी शब्द हो शिल्प मय, तभी सजेगी साज

तभी सजेगी साज, छंद को गाकर देखे

मन में भरते भाव, सूर तुलसी के लेखे

लक्ष्मण ले आनंद, कबीर रचे वह मोहे

देना सबको मान, रचे जो लय में दोहे |

(मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 660

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 18, 2014 at 11:20am

छंद पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री गिरिर्राज भंडारी जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 18, 2014 at 11:19am

आपका हार्दिक आभार श्री जितेन्द्र गीत भाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 17, 2014 at 5:18pm

आदरणीय लक्ष्मण भाई , सुन्दर कुंडलिया रचना के लिये आपको बधाइयाँ ॥

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 16, 2014 at 10:45pm

बहुत सुंदर भाव, माँ तो माँ होती है जिसका सबसे ऊँचा स्थान होता है. बधाई आपको आदरणीय लक्ष्मण जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 4:52pm

दोने छंद रचना सराहने के लिए आपका बहुत बहुत आभार श्री अरुण शर्मा "अनंत" जी 

आँचल में ममता लिए, और ह्रदय में प्यार.----------उचित सुझाव है अरुण भाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 4:37pm

आपका हार्दिक आभार श्री राम शिरोमणि पाठक जी 

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 16, 2014 at 3:21pm

आदरणीय लक्ष्मण सर जी दोनों ही कुण्डलिया छंद बहुत अच्छे बन पड़े हैं मेरी ओर से बधाई प्रेषित है स्वीकार कीजिये.

आँचल में ममता लिए, भरा ह्रदय में प्यार.. आदरणीय क्या भरा की जगह भरे नहीं होना चाहिए था या फिर ऐसा भी कह सकते थे

आँचल में ममता लिए, और ह्रदय में प्यार... यह केवल मात्र एक सुझाव है जो मुझे लगा क्षमा कीजियेगा. सादर

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 8:48am

आपका हार्दिक आभार आदरणीया कुन्ती मुकर्जी | सादर 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 8:47am

माँ के आँचल को लेकर रचित छंद पसंद करने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री जवाहर लाल सिंह जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 16, 2014 at 8:46am

छंद सराहने के लिए आपका हार्दिक आभार श्री श्यामनारायण वर्मा जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
2 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
3 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service