For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समर्पण....सॉनेट महर्षि अरविन्द

ऐ प्रकृति,सूक्ष्म आत्मा तुम रहती हो मुझमे

मैं गेह मात्र हूँ,तुम ही इसकी सत वासी

नश्वर अस्तित्व हमारा मिलने दो खुद में;

बन जाने दो मुझे अलौकिक दैवी राशी।

मन तुझे दिया,अपने मन का तुम पथ गढ़ना

सभी समर्पित इच्छाएं,ये तेरी हो जावें

पीछे कोई अंश हमारा नहीं छोड़ना

अद्भुत,नीरव सा मिलन हमारा हो जावे।

तेरा प्रेम,जग-प्राण,मेरा उर उसी संग

स्पन्दित होगा,और मेद, मेदनी हित।

नसों शिराओं में होगी आनन्द-तरंग

प्रकाश-शिकारी होगा चिन्तन,पाए शक्ति।

प्रभु! मेरी आत्मा तेरे प्रेम में लीन रहे।

हर आकार-जीव में तेरा हीनित दर्श रहे।।

-विन्दु बाबू

(यह कविता श्री अरबिंदो की सॉनेट 'Surrender' का भावानुवाद व् पद्यानुवाद करने का प्रयास है। इन महान संत,दार्शनिक और साहित्यकार की सभी सोनेट्स अनूदित करने के श्रंखलाबद्ध प्रयास में यह अनुवाद दूसरे प्रयास के रूप में प्रस्तुत है। आपका सुधारात्मक सुझाव सादर अपेक्षित है।)

मौलिक/अप्रकाशित

Views: 696

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on May 31, 2014 at 11:13am

महर्षि अरविन्द जैसे महान विभितियों के भावों को अनुवाद के जरिये सामने लाने के आपके स्तुत्य प्रयास के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 30, 2014 at 4:02pm

आदरणीया बिंदु जी ..आपका यह प्रयास सरहनीय है ..गहन आध्यत्मिक अनभूति दर्शाती शानदार रचना ..सादर बधाई के साथ 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 29, 2014 at 11:01am

अति सुंदर भाव, बधाई आदरणीया विन्दु जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 29, 2014 at 9:57am

बहुत खूबसूरत। मुझे सॉनेट विधा की जानकारी नहीं है पर भाव पक्ष की बात करूँ तो लाजवाब है। आमतौर पर किसी और भाषा की रचना का अनुवाद किया जाये तो अक्सर शब्द संयोजन बिगड़ जाता है जिसका असर प्रवाह पर पड़ता है, कई दफे मायने बदल जाते हैं। लेकिन इस रचना का प्रवाह पाठक को बाँधे रखता है बहुत बढ़िया दिली मुबारक बाद आपको एवं शुभकामनायें।
सादर,

Comment by coontee mukerji on May 28, 2014 at 7:56pm

बहुत सुंदर प्रयास है वंदना.वैसे श्री अरबिंदो को समझना अपने आपमें एक चुनौती है.....अनेक शुभकामनाएँ.

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 28, 2014 at 2:13pm

विन्दु जी

प्रयास सराहनीय है i  आप एक अच्छा कार्य कर रही है i मेरी शुभ कामना i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
19 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अजेय जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिए  अमित जी के अच्छे सुझाव से…"
30 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों के सुझाव…"
32 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय कबीर सरजी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  आपको इतने वक़्त बाद पटल पे…"
34 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर "
36 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Nilesh ji बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  बेहतर सुझाव है मतला ख़ूब निखर…"
37 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों ने ख़ूब सुझाव…"
44 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की टिपणियाँ…"
49 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। आज है आदमी का नकार आदमी महज़…"
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"ग़ज़ल तक आने और अपनी प्रतिक्रिया प्रेषित करने के लिए आभार नीलेश जी। बेशक़ शब्दों का क्रम एक बड़ा घटक…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"ग़ज़ल पर आने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आ. चेतन जी सहभागिता के लिए धन्यवाद ..दे चुका ईसा को सूली सुकरात ज़हर... ऐसे कोई गद्य नहीं…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service