(आज देश की हालत ये है कि हर नुक्कड़ पर के आवारा दोपाये अपने आपको नेता समझ बैठे हैं, देश के शीर्ष भवन में बैठ ये विभिन्न सुरों में भौंकते हैं | इस तस्वीर को देश समझें और टूटते झोपडी को देश का संसद...
हाँ ! यहाँ भी कुत्ते भौंकते हैं
हर समस्या पर चौंकते हैं,
साम्यवादी कुत्ते हैं
परम्परावादी कुत्ते हैं
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