देश की सीमा पर बैठे उन देश के पहरेदारों को । 
 बहनो ने राखी भेजी है भारत की आँख के तारों को ।
प्यार भेजतीं हैं तुमको अनमोल पर्व इस पावन का । 
 तुम देश की रक्षा करते हो ये धागा रक्षा बंधन का ।
ये डोर रेशमी डोर नही के ताकत है बहन के भाई की । 
 जो देश की सेवा हित उठती शोभा है उसी कलाई की ।
जहँ निडर सुरक्षित रह पायें तुमसे वो वतन मांगती हैं । 
 इस राखी के बदले बहनें रक्षा का वचन मांगती हैं ।
इस देश की सारी बहनों को हे वीरों नाज़ तुम्ही पर है । 
 मान सदा रखना इसका बहनों की लाज तुम्ही पर है ।
मौलिक व अप्रकाशित
नीरज मिश्रा "प्रेम''
Comment
देशभक्ति भावना से देश के रक्षकों के लिए लिखी गई रक्षाबंधन पर्व पर ये रचना अच्छी लगी ,बधाई आपको एवं शुभकामनायें
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