2122 212 212 2212
हम लिखेंगे ओ सनम इक कहानी प्यार की । ।
दास्ताँ कोई बनेगी ज़िंदगानी प्यार की ।
लाख सदियों से पुराना प्यार फिर भी है नया ,
हर जवाँ दिल में धड़कती है जवानी प्यार की ।
तू खिजां से दोस्ती कर पतझड़ों में रंग भर ,
एक दिन आकर रहेगी ऋतु सुहानी प्यार की ।
ये जुबां वालों कि दुनिया में न हाले दिल सुना ,
कब भला समझी किसी ने बेज़ुबानी प्यार की ।
ये सभी रस्में व कसमें सब रिवाज़ों से परे ,
एक हमको है रसम ही बस निभानी प्यार की ।
इम्तहाँ देने पड़ेंगे हर कदम पर सब्र के ,
तुम समझ लेना इसे महरबानी प्यार की ।
ज़िन्दगी के दायरे में हम रहें या ना रहें ,
छोड़ जाएंगे जहाँ में इक निशानी प्यार की ।
मौलिक व अप्रकाशित
नीरज मिश्रा
Comment
आदरणीय सौरभ जी आप के कहे अनुसार मैंने कुछ संशोधन करने के प्रयास की ये हैं कृपया देखें और पुनः अवगत कराएं
आपके सुझावों के लिए व प्रस्तुति पर आने के लिए आप का सहृदय आभार ।
आदरणीय नरेंद्र जी बहुत बहुत धन्यवाद ।
आदरणीय गोपाल नारायण जी आपका बहुत बहुत आभार ।
गज़ल के कई मिसरे आप द्वारा उद्धृत वज़न के अनुरूप नहीं हैं. हो सके तो कृपया एक दफ़े और तक्तीह कर लें.
मैं ग़ज़ल की प्रस्तुति में ग़ज़ल ही चाहता हूँ. यानि अरुज़ के नियमों के अन्तर्गत प्रयास हुआ हो.
शुभेच्छाएँ
नीरज जी
गजल का शिल्प मै अधिक नहीं जानता i मगर आपकी रचना की रवानी और उसका कथ्य बेमिसाल है i मेरी तरफ से आपको बहुत बधाई i
बहुत सुन्दर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online