For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"पुष्प हरसिंगार का "

"गीत"
_____

श्याम घन नभ सोहते ज्योँ ग्वाल दल घनश्याम का ।

चंचला यमुना किनारे नृत्य रत ज्योँ राधिका ||


आ रहे महबूब मेरे
दिल कहे श्रृँगार कर ।

द्वार पर कलियाँ बिछा कर
बावरी सत्कार कर ।

प्यार पर सब वार कर
-दुल्हन सदृश अभिसार कर ।

अब गले लग प्राण प्रिय से
डर भला किस बात का |

श्याम घन नभ सोहते ज्योँ ग्वाल दल घनश्याम का ।

चंचला यमुना किनारे नृत्य रत ज्योँ राधिका ||

चाहती पलकें भी बिछना
हर कदम पर प्यार से |

कह रही हैं धडकनें भी
नाथ आ अब द्वार पे |

खिल गई चम्पा निशा में
भाव तीव्र सत्कार रख |

झुक गईं सब डालियाँ भी
पुष्प हर सिंगार का ||

श्याम घन नभ सोहते ज्योँ ग्वाल दल घनश्याम का ।

चंचला यमुना किनारे नृत्य रत ज्योँ राधिका ||

(मौलिक अप्रकाशित )

Views: 938

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on September 13, 2014 at 11:08am

बहुत सुंदर रचना ॥ बधाई माह की श्रेष्ट रचना के लिए॥ 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 11, 2014 at 8:07pm

आदरणीया छायाजी

भावपूर्ण प्रवाहमयी रचना पाठक को ब्रज तक ले गई। हार्दिक बधाई अगस्त माह की श्रेष्ट रचना के लिए

Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on September 10, 2014 at 6:42pm

सुंदर गीत और महीने के चयनित गीत के लिए बहुत बहुत बधाई छाया शुक्‍लाजी। 

Comment by seemahari sharma on September 2, 2014 at 11:24pm
कोमल भावनाओं से सजे सुंदर गीत के लिए बधाई छाया जी सप्रेम
Comment by Chhaya Shukla on August 25, 2014 at 2:27pm

दिल से धन्यवाद आपका बहन कल्पना रामानी जी सप्रेम ! 

Comment by कल्पना रामानी on August 24, 2014 at 10:38pm

बहुत सुंदर गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई, आ॰ छाया जी

Comment by Chhaya Shukla on August 23, 2014 at 5:34pm

हार्दिक धन्यवाद narendrasingh chauhan जी गीत की सराहना के लिए नमन 

Comment by Chhaya Shukla on August 13, 2014 at 4:56pm

आभार आपका jawahar lal singh जी 

Comment by Chhaya Shukla on August 13, 2014 at 4:54pm

मीना पाठक जी दिल से शुक्रिया कबूल फरमाएं सुंदर सरहना के लिए !!

Comment by Meena Pathak on August 13, 2014 at 2:28pm

अति सुन्दर ....बहुत बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
19 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
19 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service