२१२२ २१२२ २१२२ २१२
कब तलक दीपक जलेगा ये मुझे मालूम है
तप रहा सूरज ढलेगा ये मुझे मालूम है
कौन ऊँचाई पे कितनी ये नहीं मुझको पता
पर जमी में ही मिलेगा ये मुझे मालूम है
कितनी दौलत वो कमाता आप उससे पूँछिये
साथ उसके क्या चलेगा ये मुझे मालूम है
अपनी खुशियों के लिए जो आज कांटे बो रहे
कल उन्हें भी ये खलेगा ये मुझे मालूम है
वो बबूलों को लगाते आम की उम्मीद में
क्या हकीकत में फलेगा ये मुझे मालूम है
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सौरभ सर ..आपके मार्गदर्शन में हम सभी लोग ग़ज़ल की बारीकिय सीख रहे हैं ..आपके इस तरह के सुझावों से बहुत धैर्य से ग़ज़ल लिखने को प्रेरणा मिली है ..प्रकाशित करने से पहले उसे अपनी जानकारी के दायरे में पूरा चिंतन करने की कोशिस कर रहा हूँ ..आपके मशविरे पर अमल करते हुए इdस दिशा में भी ध्यान दूंगा ..तहे दिल धन्यवाद और सादर प्रणाम के साथ
एक प्रभावी ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई डॉक्टर साहब.
आपकी अब कहन भी कसी-कसी आ रही है. आपके इस सतत प्रयास से हम सभी आश्वस्त हैं.
यह अवश्य है, कि आप शेरों की कहन को और गढ़ते रहें. एक उदाहरण देना चाहूँगा -
पर जमी में ही मिलेगा ये मुझे मालूम है ... . इस मिसरे को यों कीजिये
एक दिन धरती पे होगा ये मुझे मालूम है. ..
ऐसा करने से अवश्य ही इस मिसरे की ताकत बढ़ी लगेगी.
फिर उला में ’ये’ को ’है’ कर दिया जाय, तो एक शेर में दो दफ़े ’ये’ का होना सँभल जायेगा.
यह मात्र एक बानग़ी भर है. आप इससे भी बेहतर सोच कर सकते हैं.
इसी तरह से हम शेरों की कहन पर काम करते चलें.
पुनः ग़ज़ल पर दिल से दाद कुबूल कीजिये.
वाह्ह वाह्ह्ह बहुत सुंदर ग़ज़ल
अपनी खुशियों के लिए जो आज कांटे बो रहे
कल उन्हें भी ये खलेगा ये मुझे मालूम है
वाहहहहहहह वाहहहहहहहहह सर अच्छी ग़ज़ल
आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आपकी स्नेहल उत्साह्वर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर
आदरणीय आशुतोष भाई , बढ़िया ग़ज़ल कही है , सभी अश आर लाजवाब हैं , दिली बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीय हरी प्रकाश जी ..आप सब का स्नेह बस यूं ही मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर
आदरनीय राम शिरोमणि नी आपकी प्रतिक्रिया से मुझे हौसला मिला है आपके उत्साहित करने वाले शब्दों के लिए सादर धन्यवाद
आदरणीय मिथिलेश जी ..आपकी सुझाव पर अमल करते हुए संसोधन करूंगा और भविष्य में इसका ध्यान रखूंगा . आपके सुझाव और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद सादर
आदरणीय सोमेश जी ..आपकी प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर
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