सचमुच,कुछ बदला है क्या?
हाँ ...
बदली हैं सरकारें, लेकर लुभावने वादे,
खाऊँगा न खाने दूंगा,
साफ़ करूंगा, साफ़ रखूंगा,
मेक इन इण्डिया
मेड इन इण्डिया
‘सायनिंग इण्डिया’ का नया संस्करण
बलात्कार इन इण्डिया(?)
कुर्सी वही, संसद वही
किरदार नए, भोंपू वही
वादे नए
बढ़ेंगे, रोजगार के अवसर
होंगे हम, आत्म निर्भर
विदेशी निवेश के भरोसे!
आइये, बिछाइये, ग्रीन कारपेट
‘वे’ आनेवाले हैं, लेकर लाव लश्कर!
मौलिक व अप्रकाशित
- जवाहर लाल सिंह
Comment
उत्साहजनक प्रतिक्रिया के लिए आदरणीया अर्चना तिवारी जी का हार्दिक अभिवादन!
आदरणीय लडीवाला साहब, सादर अभिवादन! उत्साह वर्धन हेतु हार्दिक आभार!
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, सादर अभिवादन!
आपने बिलकुल सही कहा है हम बिलकुल नहीं बदले हैं, अपने आस पास वैसे ही गंदगी का ढेर देखते हैं, जहाँ तहां थूकते भी हैं और नशा ? उसकी तो पूछिए मत कल पिकनिक गया था. नशा और गन्दगी का आलम जो देखा .... सब कुछ वही ...सिर्फ रोना... है महंगाई ...सरकार ,,,, हम सब हैं बेकार विभिन्न समुदायों की मंडली देखकर भी भारत के दर्शन हुए...सादर!
आदरणीय हरिप्रकाश दुबे जी, सादर अभिवादन!
उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया और पंक्तियाँ चिह्नित करने हेतु आभार !
आदरणीय उमेश कटारा जी, सादर अभिवादन!
उत्साहवर्धक पर्तिक्रिया हेतु आभार !
आदरणीया प्रतिभा त्रिपाठी जी उत्साह वर्धक और विवेचनात्मक पर्तिक्रिया हेतु आपका हार्दिक आभार
आदरणीय डॉ. विजय शकर साहब, सादर अभिवादन!
उत्साहवर्धक काव्यात्मक प्रतिक्रिया हेतु अत्यंत आभार !
आदरणीय मिथिलेश साहब, सादर अभिवादन!
उत्साहवर्धक पर्तिक्रिया हेतु आभार !
आदरणीय डॉ. गोपाल नारायण साहब, सादर अभिवादन!
उत्साहवर्धक पर्तिक्रिया हेतु आभार !
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