हाथी के नेतृत्व में सभी जानवरों ने शाकाहार संघ बनाया। सबसे पहले लोमड़ी ने शाकाहार की कसम खायी और फिर उसने मांसाहारियों के सामने एक प्रदर्शन करने का सुझाव दिया, जिसे तुरंत ही मान लिया गया। लोमड़ी ने दस-दस जानवरों का समूह बना कर उन्हें एक क्रम में खड़ा किया। सबसे पहले दस हाथी, फिर भालू, बन्दर, बारहसिंघा, हिरण फिर खरगोशों का समूह और सबसे अंत में वो स्वयं थी। बड़े-बड़े पोस्टर लेकर जुलुस ने शाकाहार के पक्ष में नारे लगाते हुए जंगल के राजा शेर की मांद के अंदर तक पूरा चक्कर लगाया जैसे ही लोमड़ी और शेर की नजरे आपस में टकराई तो दोनों के चेहरों पर कुटिल मुस्कान थी।
सारा जुलुस जोश-खरोश से पुनः अपने गंतव्य पर पहुँचा। वहां देखा कि दस खरगोश और दो हिरण कम हैं।
(मौलिक और अप्रकाशित)
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कथनी और करनी में अंतर पर सुंदर लघु कथा के लिए बधाई
बहुत-बहुत बधाई इस शानदार लघु कथा के लिए |
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