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चयन (एक लघुकथा)

इतनी मुश्किल से तो बेठने की जगह मिली, ऊपर से गाड़ी लेट ! उस पर साथ मे पहले से बेठा आवारा सा लड़का जो लगातार उसे घूरता ही जा रहा है ! और वो गुस्से मे अनदेखा करके थोड़ा पीछे हटकर मुह घुमाकर बेठ गयी I अचानक पड़ा लिखा सुदर्शन युवा बीच  के थोड़ी से स्थान मे फस कर बेठ  गया, और लड़की अचानक आवारा लड़के से बोल पड़ी,

"भैया गाड़ी लेट क्यूँ हो गयी ?"!

 मोलिक अपकाशित 

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Comment by aman kumar on April 29, 2015 at 2:12pm

ओझा जी का आभार !

Comment by harikishan ojha on April 29, 2015 at 1:00pm

अमन जी आप ने बहुत ही सटीक तीर मारा हैI आप को बधाई

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:51pm

अदरणीय गिरिराज जी और जितेंद्र भाई का आभार 

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:50pm

डॉ गोपाल जी का हार्दिक स्वागत 

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:50pm

वर्मा जी का समय मिला क्र्तर्थ हुया ! आभार 

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:49pm

जवाहर भाई का आभार !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 16, 2015 at 7:49pm

बहुत खूब, आदरणीय अमन जी. बहुत महीन बिंदु प्रस्तुत किया है लघुकथा में. बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 16, 2015 at 4:05pm

आदरणीय अमन भाई , बहुत महीन आब्जरवेश्न है आपका , अच्छी लघुकथा के लिये हार्दिक बधाई ।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 16, 2015 at 12:24pm

प्रिय अमन

बहुत बारीकी से गढ़ी इस रचना पर मैं  आपको बधायी देता हूँ . स्नेह .

Comment by Shyam Narain Verma on April 16, 2015 at 10:58am
बहुत-बहुत बधाई इस शानदार लघु कथा के लिए

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