For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूरज का सातवा घोडा .....

आदित्य ,
तुम जीवन दाई हो
तुम्हारे ताप से जीवन चलता है
प्रेम भरा स्नेह मिलता है ,
समस्त धरा को ,
तूम दिनकर हो
रजनी को विदा करते हो
अनंत काल से ,
जीवन की मुस्कराहट आती है
तुम्हारे आगमन से ,
प्रभा आती है हरियाली में जिसके
ऊष्मीय स्नेह से प्रभाकर .,
दिन के नरेश ,  तुम्हारी सत्ता
धरती माँ को आभा देती है ,

खिलखाते है पुष्प .

फिर सोना उगले हरियाली ,

तुम्हारे ही तेज से ,भास्कर !

तुम समस्त जीवन हो 

इस  आकाश गंगा के 

तुम्हारा स्वागत है , नित 

मेरी धरती माँ की परिधि में ,

Views: 890

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by aman kumar on January 15, 2015 at 11:27am

आशा जी और जवाहर लाल भाई का अभिनन्दन ..

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on January 14, 2015 at 7:40pm

ॐ श्री सूर्याय: नम:  बिन सूरज सब कुछ निर्जीव सा है ...अच्छी प्रस्तुति अमन kumar जी!

Comment by asha pandey ojha on January 14, 2015 at 4:42pm

तुम्हारे आगमन से ,
प्रभा आती है हरियाली में जिसके 
ऊष्मीय स्नेह से प्रभाकर  बहुत सुन्दर प्रभावशाली रचना सूरज की महत्ता को व्यक्त करती .. कुदरत की महिमा व्यक्त करती कविता  बधाई स्नेहिल अमन कुमार जी 

Comment by somesh kumar on January 14, 2015 at 2:49pm

अच्छी ,रचना |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 14, 2015 at 1:05pm

आ. अमन भाई , बढ़िया कविता लगी , कहीं कहीं टंकण त्रुटि है , सुधार लीजियेगा । रचना के लिये बधाई ।

Comment by aman kumar on January 14, 2015 at 12:54pm

दुबे जी का हार्दिक  आभार 

Comment by aman kumar on January 14, 2015 at 12:54pm

आदरणीय गोपाल जी के निर्देशन से सुधार किया गया है ,उनका अभिनन्दन 

Comment by Hari Prakash Dubey on January 13, 2015 at 10:13pm

आदरणीय अमन जी ,सुन्दर प्रयास , सुन्दर प्रस्तुति हार्दिक बधाई आपको !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 13, 2015 at 5:25pm

अमन जी

अच्छी  रचना है i शीर्षक का  निर्वाह भी आवश्यक होता है i   खिलखिलाते  का पुष्प  को सही कर लीजिये i  स्नेह i

Comment by aman kumar on January 13, 2015 at 3:24pm

वर्मा जी का  हार्दिक अभिनन्दन !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"स्वागतम"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"जी बहुत शुक्रिया आदरणीय चेतन प्रकाश जी "
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
5 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.लक्ष्मण सिंह मुसाफिर साहब,  अच्छी ग़ज़ल हुई, और बेहतर निखार सकते आप । लेकिन  आ.श्री…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ.मिथिलेश वामनकर साहब,  अतिशय आभार आपका, प्रोत्साहन हेतु !"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"देर आयद दुरुस्त आयद,  आ.नीलेश नूर साहब,  मुशायर की रौनक  लौट आयी। बहुत अच्छी ग़ज़ल…"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
" ,आ, नीलेशजी कुल मिलाकर बहुत बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई,  जनाब!"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन।  गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। भाई तिलकराज जी द्वार…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए आभार।…"
8 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तितलियों पर अपने खूब पकड़ा है। इस पर मेरा ध्यान नहीं गया। "
9 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार बहुत- बहुत शुक्रिया आपका आपने वक़्त निकाला विशेष बधाई के लिए भी…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service