तुम दीया हो तो मुझे बाती बनना होगा
तेरा साथ पाने को चाहे मुझे जलना होगा !
तुम अगर रात हो तो मुझे अँधेरा बनना होगा
तुम से मिलने को मुझे सवेरों से लड़ना होगा !
तुम ग़र दरिया हो तो मुझे समन्दर बनना होगा
तुमको फिर मुहब्बत में मुझ से मिलना होगा !
तुम अगर हवा हो तो मुझे धूल बनना होगा
मुझे आगोश में ले आँधियों में तुम्हें उड़ना होगा !
तुम अगर चाँद हो तो मुझे चकोरी बनना होगा
तुमको हर रात मेरा मिलन का गीत सुनना होगा !
फूल ग़र तुम हो तो मुझे भंवरा बनना होगा
बोसों के लिये फिर 'इंतज़ार' को ना डरना होगा !
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मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी हार्दिक धन्यवाद ...सादर
आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी आभार पसंदगी के लिये ...सादर
बहुत सुन्दर भाव पूर्ण रचना , आदरणीय आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥
बहुत सुंदर प्रस्तुति. बधाई स्वीकारें आदरणीय मोहन जी
आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी आपकी उपस्थिति और सराहना के लिये हार्दिक आभार ...सादर
आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी बहुत बहुत आभार प्रसंशा के लिये ...सादर
आदरणीया Tanuja Upreti जी हार्दिक धन्यवाद ...सादर
आदरणीय Samar kabeer जी उत्साहवर्धन के लिये आभार ...सादर
आदरणीय MUKESH SRIVASTAVA जी धन्यवाद ...सादर
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