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मै मरघट में जब जाता हूँ .

 

मै   मरघट  में  जब  जाता  हूँ  ,

 मै  मर-घट  में  मर  जाता  हूँ  ,

 जब  मर  और  घट  न  घट  पाए..

  तो  खुद  ही  मै  घट  जाता  हूँ .//

 

मै  मरघट   को  समझाता  हूँ ,

 कि   मर  के  घट  न  पाउँगा  मै ,

 तुझे  आज  ये  बताता  हूँ  ,

 कि  कर  तू  मेरा  इंतजार...

  अभी  मै  कुछ  देर  बाद  मरघट  पे  आता  हूँ  ,

 

 ऐ  मरघट   तू   मुझे  क्या  जाने  ??

 मै  हूँ  इन्सान  एक  मरघट  का  ,

जो  मरघट  पे  तो  आता  है  ..

 पर  अपने  पीछे  एक  अद्भुत ,अविचल ,यथार्थ और 

अविश्वसनीय   इतिहास  छोड़  वो  आता  है ........................

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 9, 2011 at 10:32pm
जब  मर  और  घट  न  घट  पाए..

            तो  खुद  ही  मै  घट  जाता  हूँ

 

बहुत खूब राजीव जी, मरघट का क्या सुंदर प्रयोग किया है आपने , बहुत बहुत बधाई |

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