दिल लगाना हमने सुना है , एक गुनाह है यहाँ
सारी दुनिया को फिर तो गुनाहगार होना चाहिए ..
सुना है , मजा है बहुत , महबूब के इन्तजार में …
ContinuePosted on October 1, 2011 at 12:33am — 5 Comments
Posted on May 27, 2011 at 3:30am
Posted on May 23, 2011 at 9:51am
कल का आज कैसा होगा ,
किसी के सपनो के ताजमहल नही ,
खंडहर जैसा होगा ,
दीवारें खड़ी बेजान सी ,
जाने पहचाने अनजान सी,
उठने से पहले ,
दबने वाले तूफान सी ,
खड़ी होगी अपने जर्जर नीव पर ,
अपने सत्य को मिथ्या बताते ,
जिन्हें देख कर उठेगा प्रश्न ,
कल का आज कैसा होगा,
इस खँडहर नही,
किसी के…
Posted on April 13, 2011 at 12:30pm — 2 Comments
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…

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