लघुकथा - टूटे फ़ूटे लोग –
"महाराज, यह मेरा त्यागपत्र है, कृपया स्वीकार कर लीजिये"!
" चित्रगुप्त जी, यह कैसी अनहोनी कर रहे हो!आपके बिना यह कार्य कौन देखेगा!हमारे पास दूसरा कोई अनुभवी व्यक्ति भी नहीं है"!
"महाराज, अब यह काम करना मेरी सामर्थ्य का नहीं है"!
"चित्रगुप्त जी,विस्तार से समझाइये ,आखिर मामला क्या है"!
"महाराज,पृथ्वी लोक से, विशेषकर भारतीय उप महाद्वीप से जो मृत लोग आ रहे हैं, उनके शरीर विकृत अवस्था में आ रहे हैं!कुछ शरीर बिना चेहरे के भी आते हैं और कुछ के चेहरे छिन्न भिन्न !उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है ! ऐसे में उनके कर्मों का लेखा जोखा कैसे ढूढा जाय"!
"चित्रगुप्त जी,इसका कारण क्या है"!
"महाराज, कुछ अति महत्वाकांक्षी राजनीतिज्ञ अपने निज़ी स्वार्थ हेतु दंगे फ़साद, बम्ब ब्लास्ट और फ़र्ज़ी दुर्घटनायें करवा देते हैं, जिसमें मरने वाले लोग टूटे फ़ूटे और अंग भंग होते हैं"!
“आप ऐसे धूर्त लोगों की लिस्ट बना कर दीजिये, हमें ऐसे लोगों की ही आवश्यकता है!ये लोग नर्क विभाग का कार्य बखूबी संभाल लेंगे,हम शीघ्र ही इनको बुला लेते हैं !
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय वीर मेहता जी,हार्दिक आभार, आपने अपना अमूल्य समय दिया!आप की बात से सहमत हूं, यही बात आदरणीय मिथिलेश जी ने भी कही है कि लघुकथा में कसावट की कमी है!मुझे भी अब अहसास हो रहा है!पुनः आभार!
आदरणीय मिथिलेश जी,हार्दिक आभार, आपने अपना अमूल्य समय दिया!किसी हद तक आपकी बात सत्य है पर इन बातों का जितना गहन अध्ययन किया जाय तो केवल निराशा ही हाथ आती है!ये सब किंबदंतियां हैं,इनका तार्किक मूल्यांकन में कोई स्थान नहीं है!यह लघुकथा भी कल्पना की उडान है!यथार्थ से कोई सरोकार नहीं!जिन बातों के प्रमाण नहीं होते हम उस पर जिरह नहीं कर सकते!सादर, क्षमा चाहूंगा!
आदरणीय तेजवीर सिंह जी, बढ़िया कथानक लिया है इस प्रस्तुति पर बधाई
किन्तु यह भी अवश्य है कि मृत्यु लोक से परलोक को केवल आत्माएं जाती है, माटी तो इधर ही छूट जाती है. यह अवधारणा ही अब तक मान्य है और सत्य भी. आपने क्षत-विक्षत शरीर को परलोक भेज दिया. यह अवश्य किया जा सकता है कि यमदूतों को इहलोक में शरीर पहचानने की समस्या को दिखाया जा सकता है. लघुकथा थोड़ी कसावट चाहती है. सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online