For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल
(वहर 22 22 22 22 2 )

वो फिर घुस आया ,मन के समन्दर I
मैं छोड़ आया  जिसे मन्दिर अंदर  II

सब कसमें लेते हैं बदले की ,
अब रहे कहां बापू के बन्दर I

आजिज कोई हो नेमत देता ,
है कोई ऐसा मस्त कलन्दर I

अबरोधों से खुद है तुम्हें लड़ना ,
सम्भालो तुम अपने सभी सन्दरI

धन बल ज्ञान न बंधे जाति में ,
कौन यहाँ मुफलिस कौन सिकन्दर I

"मौलिक एवं अप्रकाशित "

Views: 448

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कंवर करतार on September 21, 2015 at 10:35pm

भाई श्याम वर्मा जी, ग़ज़ल की सराहना के लिए तहदिल से आभारी हूँI  

Comment by कंवर करतार on September 21, 2015 at 10:32pm

भण्डारी भाई ,ग़ज़ल प्रयास की सराहना के लिए दिल की गहराइयों से शुक्रिया कवूल करें I आपकी टिपणियां बिलकुल वाजिब हैं I

मतले के सानी में , ठीक कहा आपने की मन्दिर नहीं आना चाहिए Iसुधारने की कोशिश करता हूँ Iआप की टिपणी सदैब चाहूँगा iसाभार 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 21, 2015 at 9:25pm

आदरणीय डा. कंवर करतार भाई , गज़ल का प्रयास बहुत अच्छा हुआ है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ।
मतला आपका कुछ और समय चाहता है , काफिया  मतले के उला मे और बाक़ी सभी शेर मे अंदर  आ रहा है और , पर मतले के सानी मे मंदिर शब्द लेने के कारण , काफिया अंदिर आ रहा है , वहाँ भी मंदर लेना चाहिए था , वैसे मन्दर शब्द सही है या  नही , मै नही कह कह सकता । थोड़ा सोच लीजियेगा ।

Comment by Shyam Narain Verma on September 21, 2015 at 4:44pm
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल! आपको बहुत-बहुत बधाई!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service