किसी के अब्दुल थे
किसी के तुम कलाम
दृढ़ थे संकल्प तेरे
वहुआयामी कलाम I
माँ भारती के लाल
तुझ को मेरा सलाम I
होते हुए भी अर्श पर
भूले न जो थे फ़र्श पर
व्याधि वाधा सांझा कर
दी सदा उन्हें संघर्ष पर
लगाओ पंख अग्नि को
न होंगे कभी तुम नाकाम I
जियो मरो देश के लिए
न होंगे कभी तुम गुलाम I
माँ भारती के लाल
तुझ को मेरा सलाम I
विपत्तियों से न डरो
बीच धारा से तरो
नाकामियों को रोंद कर
कर्म ऐसा तुम करो
हो देश का ऊँचा नाम I
युवाओं को दी प्रेरणा
दिए नये नये पयाम I
माँ भारती के लाल
तुझ को मेरा सलाम I
जन मन गण नायक
अन्बेषण विधायक
विज्ञान ज्ञान गांठ खोल
शक्ति-विकास गायक
चिंतन दिशा नव सब
नव नव हुए आयाम I
दिखाते थे आँख जो
बदल गए वो निजाम I
माँ भारती के लाल
तुझ को मेरा सलाम I
"मौलिक व अप्रकाशित "
डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी'
Comment
धन्याबाद डॉ गोपाल जी I
आ0 कलाम साहिब बेमिसाल थे .आपने उन्हें अपना विषय बनाया यह् स्तुत्य है .
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