वे दिन भी भले थे
ये साँझ भी है भली
वे दिन भी भले थे
ये साँझ भी है भली
सुख सपने सब खिल रहे थे
वे दिन भी भले थे
ये साँझ भी है भली
वे दिन भी भले थे
ये साँझ भी है भली
Comment
आभार आपका आदरणीय शहज़ाद जी
सार्थक मार्गदर्शन युक्त प्रतिक्रिया देने हेतु आभार आपका आदरणीया राजेश कुमारी जी जी।
आभार आपका आदरणीय श्याम नारायण जी।
आभार आपका आदरणीयमिथिलेश जी।
सार्थक मार्गदर्शन युक्त प्रतिक्रिया देने हेतु आभार आपका आदरणीय सुशील सरना जी।
आभार आपका आदरणीय दिग्विजय जी।
रचना बहुत खूबसूरत हो जायेगी सुझावों को अमल में लाने के बाद आ० कांता जी अभी दिल से बहुत- बहुत बधाई लीजिये
बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना हुई है | हार्दिक बधाई सादर |
ये प्रस्तुति और समय चाहती है, यथोचित संशोधन पश्चात् पुनः उपस्थित होता हूँ सादर
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