For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कसक – ( लघुकथा ) –

 कसक – ( लघुकथा ) –

रोहित बिहार के पटना ज़िले के एक छोटे से गॉव के एक गरीब  किसान परिवार का इकलौता मगर होनहार पुत्र था!वह  हैदराबाद विश्वविद्यालय में "भारतीय राजनीति का गिरता स्तर" विषय पर शोध कार्य कर रहा था!उसकी कार्य शैली और थीसिस के संस्करण देख उसके गाइड चकित थे!

राजनीतिज्ञों को जैसे ही इन बातों की हवा लगी, वे रोहित को साम, दाम, दंड, भेद खरीदने में लग गये!वे नहीं चाहते थे कि उसका शोध कार्य छपे!सबके चेहरे बेनक़ाब हो जायेंगे!जब कोई युक्ति कारगर साबित नहीं हुई तो रोहित को खत्म करने का निश्चय  हुआ!

भोर के अंधेरे में जब वह सुबह की सैर करके लौट रहा था उसे एक पुलिस की जीप ने उडा दिया!अब इसे खुश किस्मती कहें या बद किस्मती, वह बच गया मगर एक टांग काटनी पडी!रोहित के  अनुरोध पर यह खबर उसके परिवार को नहीं दी गयी!रोहित अब बैसाखियों से शोध कार्य कर रहा था लेकिन जोश में कोई कमी नहीं थी!

विश्वविद्यालय में अवकाश घोषित हो गये थे!रोहित का मन गॉव जाने को कर रहा था!परंतु उसे यही डर था कि उसे इस हालत में देख मॉ बापू पर क्या बीतेगी!इसी उधेडबुन में, उनका मन टटोलने के लिये और उनको मानसिक रूप से तैयार करने के लिये घर फ़ोन किया,

"बापू,हम घर आ रहे हैं,अभी छुट्टियां लग गयी हैं"!

"आजा बचुआ,तोरी माई भी तुझे देखने को बेचैन है"!

"बापू, आपसे एक सलाह लेना है"!

"हॉ हॉ ज़रूर , बोलो क्या बात है"!

"बापू, हमरा एक दोस्त है वह भी हमरे साथ आना चाहता है"!

"तो ले आओ ना, जो भी है रूखा सूखा, मिलकर खा लेंगे"!

"वह बात नहीं है बापू"!

"तब फ़िर क्या मामला है,कोई लडकी का चक्कर तो नहीं"!

"अरे नहीं बापू,ऐसा कुछ भी नहीं है!दर असल उसका एक ही पैर है!एक पैर दुर्घटना में कट गया"!

"मतलब लूला लंगडा है!अपाहिज़ है"!

"यही तो समस्या है"!

"समस्या तो ज़टिल है पर देख लेंगे,जैसे होगा करेंगे,कुछ ही दिन की तो बात है"!

"यदि वह हमेशा के लिये मेरे साथ मेरे गॉव रहना चाहे तो"!

"नही रोहित कदापि नहीं, ऐसी भूल मत करना!जानबूझकर एक मुसीबत अपने गले में क्यों डालना"!

"ठीक है बापू ,मैं समझ गया"!

 उसी दिन देर रात रोहित के किसी मित्र ने रोहित के पिता को सूचित किया कि रोहित की एक  सडक दुर्घटना में एक टांग कट गयी थी! रोहित यह सदमा नहीं सह पया और उसने आत्म हत्या कर ली!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 554

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on March 11, 2016 at 8:00pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता जी!

Comment by Nita Kasar on March 11, 2016 at 7:17pm
पिता को क्या पता बेटा टटोल रहा है उन्है संवेदनशील कथा के लिये बधाई आद०तेजवीर सिंह जी ।
Comment by TEJ VEER SINGH on March 10, 2016 at 7:25pm

हार्दिक आभार आदरणीय रामबली गुप्ता जी!

Comment by रामबली गुप्ता on March 10, 2016 at 6:53pm
हृदय में चुभन पैदा कर दिया आपने आदरणीय तेज वीर जी
अत्यंत मार्मिक लघुकथा हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय
Comment by TEJ VEER SINGH on March 10, 2016 at 6:05pm

हार्दिक आभार आदरणीय सुशील सरना जी!

Comment by Sushil Sarna on March 10, 2016 at 3:45pm

वाह सच्चाई को ब्यान करती एक मार्मिक लघु कथा। हृदय को द्रवित करने वाली इस लघु कथा की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह जी। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
6 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
8 hours ago
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service