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करे वंदना आज, नाज हिय तुम पर करके।
रहो वीर सरताज, आज दो आँसूं छलके।।
तुम वीरों की शान, आन पर मिटने वाले।
देश करे अभिमान, जान-तन देने वाले।।
श्रद्धा-सुमन स्वीकार करो, राष्ट्र-क्रांति-प्रतिमान हे!
चंद्रशेखर! सत्य वीर्यवर! पूज्यमूर्ति-बलिदान हे!

--रामबली गुप्ता
क्रांतिवीर चंद्रशेखर आजाद को शत-शत नमन
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 12, 2016 at 4:56pm

आ० रामबली भाई जी,   रचना थोड़ा  समय मांग रही है. सुंदर भाव से सिक्त रचना के प्रयास हेतु  शुभकामनायें. सादर 

कृपया ध्यान दे...

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