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आदरणीय आपने ग़लत नही कहा , लेकिन जब आप बह्र स्वयम लिख देंगे तो मात्रा 21 ही गिनी जायेगी -- आप बहर ही लिखें , ताकि मात्रा 12 गिनी जाये
आदरणीय पंकज भाई , अच्छी गैर मुरद्दफ गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ स्वीकार करें ।
इस् मिसरे फिर से देख लें - लय से भटका हुआ है -
1- नये काफियों की नई इक बह्र तुम -- बह्र को 21 लेना चाहिये , इसे यूँ कर लें -
नये काफियों की नई बह्र हो तुम
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