For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैंने आँखों में देखी तेरी सूरत

तेरी आँखों में मैंने देखी अपनी सूरत

तब से भूला जग में जीने की चाहत ॥

तेरी भोली मूरत का मैं पुजारी हो गया

तेरा दीवाना, परवाना मस्ताना हो गया

गलियों में तेरे घूमता आवारा हो गया

मैं सभी के नजरों में बदनाम हो गया ।

तेरी आँखों में मैंने देखी अपनी, सूरत

तब से भूला जग में जीने की चाहत ॥

भूलकर मैं सुध बुध मस्ताना हो गया

पतंगे की तरह मैं तेरा दीवाना हो गया  

तेरे बिन मैं तो अब बेसहारा हो गया   

सुबह शाम तेरी राह देखता रह गया ॥

तेरी आँखों में मैंने देखी अपनी, सूरत

तब से भूला जग में जीने की चाहत ॥

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 431

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on September 18, 2016 at 3:30pm
जनाब राम आश्रय जी आदाब,इस प्रस्तुति पर बधाई आपको ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. भाई नीलेश जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और मार्गदर्शन के लिए आभार। सुझाव के अनुसार मूल गजल…"
4 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। गजल पर आपकी उत्साहवर्धक और विस्तृत मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए…"
11 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वो दवा के साथ ज़िक्र-ए-यार भी करते रहे चारा-गर मेरे मुझे बीमार भी करते रहे बेबसी देकर मुझे, मिस्मार…"
12 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत सिंह जी, आपका यह अफसोस मंच के लिए, मंच के आयोजनों के लिए, उत्साहवर्द्धक है. …"
57 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दयाराम जी, आयोजन में आपकी प्रस्तुति पर गुणीजनों ने विस्तार से चर्चा की है. यह आपके…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजेय जी नमस्कार  बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की चर्चा…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय सौरभ जी  बहुत शुक्रिया आपका  आप सभी गुणीजनों की प्रतिक्रिया पर ध्यान देकर अपनी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय  गजेंद्र जी  बहुत शुक्रिया आपका और भी बेहतरी हो सके उसका प्रयास जारी रहेगा ,…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दयाराम जी  बहुत शुक्रिया आपका  सादर "
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"//ज़िन्दगी में रूठ जाए मीत अपना जब कभीतो मनाने को उसे मनुहार भी करते रहे// मतले सहित ये शेर बहुत…"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service