"साहेब, कोई पुराना चद्दर हो तो दे दीजिये । बहुत ठंढा गिरने लगा है । कोई पुराना चद्दर दे दीजिये ।"
यूं तो वर्किंग डे पर रात के किसी भी आयोजनों में जाने का प्रोग्राम कम ही बनता है । लेकिन फिर भी कभी-कभी कुछ ऐसे मौके भी आ ही जाते हैं जब इस तरह के किसी आयोजन में जाना पड़ जाता है । ऐसे ही एक आयोजन को अटेण्ड कर वापस आते-आते रात के साढ़े ग्यारह बज गए । गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन से घर तक जाने के लिए आटो आटो या रिक्शा लेना पड़ता है । अक्तूबर के अंतिम सप्ताह के आते-आते मौसम में दिन की तेजी कुछ कम हो चली थी और रातें भी अच्छी ख़ासी सर्दी का एहसास दिलाने लग गई थीं, सो पति देव से अनुरोध किया कि आटो से जाने में ठंढ लगेगी इसलिए रिक्शे से चला जाए । । घर पहुँच कर रिक्शेवाले को चालीस रुपए थमाये तो उसने कहा कि यहाँ तक का भाड़ा पचास रुपया बनता है । पति देव ने थोड़ी सख्ती दिखाई तो वह चुप हो गया । पैसे देकर अभी हम आगे बढ़े ही थे कि रिक्शेवाले ने पीछे से आवाज लगाई – "साहेब... "
उसकी आवाज सुन कार हम दोनों ही ठिठक गए । पीछे मुड़ कर देखा कि वो अभी तक कुछ कह पाने के अनिश्चय की स्थिति में खड़ा था ।
पति ने पूछा "अब क्या हो गया" ।
"साहेब, कोई पुराना चद्दर हो तो दे दीजिये । एके ठो चद्दर था, धो के सूखने पसारे थे कोई चोरा लिया । दिन भर बाहर रहते हैं न, तो मौका देख के उठा लिया सब । अब ठंढा गिरने लगा है । कोई पुराना चद्दर दे दीजिये ।"
पति देव ने तपाक से कह दिया – "कल आ जाना, निकाल के रख रखेंगे, फिर ले जाना ।"
यह सुन कर रिक्शेवाला मायूस हो गया । मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा । मैं तुरत बोल पड़ी "थोड़ा इंतजार करो । देखती हूँ, कुछ मिल जाए तो ।" घर में जाकर पुराने कपड़ों का गट्ठर खंगाल लिया पर कोई चद्दर नहीं मिली । तभी पतिदेव ने पुराना कंबल निकाल लिया । मैंने प्रश्नवाचक नजरों से देखा तो बोल पड़े "अरे दे दो । उसे बहुत जरूरत है इसकी । हमारे पास तो डम्प करके रखा हुआ है । उसके काम आ जाएगा । और ये सब भी दे दो । लाओ मैं ही दे आता हूँ ।"
"ये सब" में उनकी 5 कमीजें, एक जैकेट, एक स्वेटर और दो पैंटें थीं । पति देव नीचे खड़े रिक्शेवाले को "ये सब" देने चले गए और मैं सोचती रही कि दस रुपये के लिए रिक्शेवाले को मना करने वाला क्या ऐसे कर सकता है ।
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय डॉ विजय शंकर जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
आदरणीय तेजवीर सिंह जी, उत्साहवर्धन के लिए बहुत बहुत आभार ।
हार्दिक बधाई आदरणीय नीलम जी जी।बेहतरीन प्रस्तुति।
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