ओबीओ पर आप दोस्तों ने मेरा कलाम पढ़कर हमेशा मेरी हौसला-अफ़्ज़ाई की है । आप क़द्रदानों के लिये मैं अपनी ताज़ा ग़ज़ल को, जोकि "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक ११ में शामिल हुई थी, अपनी ख़ुद की आवाज़ में पेश कर रहा हूं । इसे सुनने के लिये नीचे दिये बॉक्स के प्ले बटन को क्लिक करें :
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Comment
bahut sundar rachna aur aawaz....
thanks...
Bahut khoob, Shamsi Bhai, kalam bhi umda, aawaaz bhi umda...haan, bhoomika kutch akhri jaroor. Sadar
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