For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल "जिन्दगी इक अज़ब पहेली है"

2122 1212 22
ख़ुद उलझती है ख़ुद सुलझती है।
जिन्दगी इक अज़ब पहेली है।।

साथ तेरा मुझे मिला जबसे।
जिन्दगी मेरी मुस्कुराती है।।

सब्र करना व भूख से लड़ना।
मुफ़लिसी क्या नहीं सिखाती है।।

मैं बहुत चाहने लगा तुझको।
हर ग़ज़ल मेरी ये बताती है।।

बात कोई चुभे अगर दिल को।
तब ग़ज़ल ख़ुद मुझे बुलाती है।।

दुख घुटन दर्द आह मजबूरी।
ज़िन्दगी की यही कहानी है।।

मुस्कुराती हुई तेरी तस्वीर।
पास मेरे तेरी निशानी
है।।

जीतना हारना लगा रहता।
जिन्दगी ये सबक़ सिखाती है।।

दूर तू है बहुत मगर फिर भी।
ज़ेहन में याद तेरी रहती है।।

वो मुलाकात आपसे मेरी।
आज भी मुझको याद आती है।।

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 902

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by surender insan on October 15, 2017 at 1:11am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 1:10am
जी बेहद शुक्रिया आपका दिनेश भाई जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 1:08am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय नीरज जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 1:08am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीया राजेश दीदी जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 1:07am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय सालिम राजा रेवा जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 12:50am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी। बहुत बहुत आभार जी। जी बिल्कुल जी। में अन्य विधाओं कीरचनाए भी पढ़ता हूँ जी आपके कहे अनुसार कोशिश करूंगा जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 12:43am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय अफरोज शाही जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 12:43am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय राज़ नवादी साहब जी। बहुत बहुत आभार जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 12:42am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय समर कबीर साहब। बहुत बहुत आभार जी। सादर नमन जी।
Comment by surender insan on October 15, 2017 at 12:41am
जी बेहद शुक्रिया आपका आदरणीय नीलेश जी। बहुत बहुत आभार जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
21 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service