सुख
सुख! सुख! लोगों के जीवन में सुख है कहाँ
जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी दुखी हैं यहाँ
सुख हमारे जिंदगी में मृग तृष्णा जैसी है यहाँ
सदा हमसे दूर ही देखने में नजर आती यहाँ
अपने नेताओं को दौलत की खुशबू आती जहां
सभी अपने ईमान को बेचकर टूट पड़ते वहाँ
सभी लोग सुख खरीदने की कोशिस करते जहाँ
माँ बाप भाई बहन पैसे के आगे सब झूठे यहाँ
अपनों से लोग झूठ फरेब धोखा सब करते यहाँ
थोड़ी सुख के लिए लोग अंगारों पर चलते यहाँ
ज़िंदगी की नाव में परिवार पतवार जैसा है यहाँ
जो सभी तूफानों से हमको बचाते हर क्षण यहाँ
खतरों से सुरक्षित किनारों के ओर ले जाती यहाँ
कुछ लोग जंगलों में भटकते जीवन भर यहाँ वहाँ
लोग सर्दी में सूरज का इंतेजार लोग करते यहाँ
कड़ी धूप में छाँव की तलाश लोग करते हैं यहाँ
सुख की परछाई को पाने के लिए तरसते हैं यहाँ ॥
मौलिक एवं अप्रकाशित
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