जुमले बाजी का नाम सियासत |
मक्कारों का काम सियासत |
जाति,धर्म पर लड़वाने में
सबसे आगे आज सियासत |
रोजगार के ख्वाब दिखाकर
लूटे सरे आम सियासत |
घोटालों में लिप्त है नेता
बेमानी का नाम सियासत |
बेटियों की लुटती आबरू
चुप बैठी है आज सियासत |
लाज-शर्म को गिरवी रखकर
करती नंगा नाच सियासत |
भाई-भतीजावाद है हावी
तेरी-मेरी कहाँ सियासत ?
"मौलिक एवं अप्रकाशित"
Comment
जनाब नवल किशोर सोनी जी आदाब, अच्छी कविता है, बधाई स्वीकार करें ।
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