क्षण-प्रतिक्षण,जिंदगी सीखने का नाम
सबक जरूरी नहीं,गुरु ही सिखाए
जिससे शिक्षा मिले वही गुरु कहलाये
जीवंत पर्यन्त गुरुओं से रहता सरोकार
हमेशा करना चाहिए जिनका आदर-सत्कार
प्रथम पाठशाला की गुरु माँ बनी
दूजी शाला के शिक्षक गुरु बने
सामाजिकता का पाठ माँ ने सिखाया
शैक्षणिक स्तर शिक्षक ने उच्च बनाया
नैतिक शिक्षा का पाठ धर्म गुरु ने पढ़ाया
तो दुनियांदारी का सबक पिता ने समझाया
जीवन का एक रंगमंच,गुरु कुम्हार सम
लाचारी को ताकत बना जूझना सिखाता
निराश मन में उल्लास भरता
लक्ष्य भेदने की रौशनी जलाता
बुझे सपनों को साकार करने में
पग -पग पर साथ निभाता
क्या अक्षम,क्या सक्षम दुनिया में
अपनी नजरों से चलना सिखाया
असम्भव डगर पर,सम्भव केनिशाँ टंकित करवाए
डांटडपट उनका अधिकार था , हैं ,रहेगा
क्षणिक मन उदासी से घिरा
फिर वही बात मुश्किलों में ढाल बनी
चरण धूलि,आशीर्वाद से धन्य हुआ जीवन
गुरु महिमा अपरम्पार ,शब्दहीन हूँ,
कैसे करूँ? उपकारों का बखान
गुरु कर्ज ,सब कर्जों में ऐसा कर्ज
सात जन्मो तक ,ना हो सकते उऋण
धन्य,धान्य हो गया जीवन.........
ऐसे गुरुओं को शत-शत नमन ......
"मात -पिता-गुरु छोड़ के,पाथर पूजन जात,
पेट काट-काट जीवन दिया,उन्ही से आँखे मोड जात."
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
सधन्यवाद,आदरणीय समर सरजी।
मुहतरमा बबीता गुप्ता जी आदाब,अपने गुरु को समर्पित अच्छी कविता हुई है,बधाई स्वीकार करें ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online