ईट पत्थर से बना मकान
उसमें रहते दो इंसान
रिश्तों को वो कदर न करते
एक-दूजे से बात ना करते
कहने को एक मकान में रहते
पर एक-दूजे से घृणा करते
मकान की परिभाषा
को सिद्ध करते ||
कच्ची मिटटी का एक, छोटा घर
स्वर्ग से सुंदर, प्यारा घर
एक परिवार की जान था, जो
प्रेम की सुंदर मिशाल था, वो
सब सदस्य साथ में रहते
हसतें-खेलतें घुल-मिल रहते
नारी के सम्मान के संग सब
एक दूजे का आदर करतें
मुश्किल यदि कोई, घर पर आये
मिलजुल कर समाधान खोजते
ऐसे अपने घर में रहते ||
आओ मिलकर धेय बनाये
मकान नहीं, हम घर बनाये
संग में रहने की मंशा को
प्रेम की सौगात बनाये
छोटी सी इस जिंदगी में
रंग बिरंगे अनुभव भरके
प्यार से अपना घर सजाये
मकान नहीं, हम घर बनाये ||
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